
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नरसिंहपुर में एक दलित महिला के साथ सामूहिक बलात्कार की घटना के बाद पीडि़त महिला की रिपोर्ट न लिखने और उसके पति और जेठ को लॉकअप में बंद करने, हताश महिला द्वारा आत्महत्या कर लेने की खबर मिलते ही नरसिंहपुर के एडिशनल एसपी राजेश तिवारी और गाडरवारा के एसडीओपी सिताराम यादव को तत्काल हटाने के निर्देश दिए हैं। एफआईआर पर टालमटोली करने वाले चिचली थाने की गोटीटोरिया पुलिस चौकी प्रभारी एमएल कुढापे को निलंबित कर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया है। गैगरेप करने वाले तीन आरोपी और आत्महत्या के लिए उकसाने वाले 2 में से 1 आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। यह घटना 28 सितंबर की है जब एक दलित महिला (35)खेत में घास काटने गई थी तब उसके साथ तीन लोगों ने सामूहिक दुष्कर्म किया। महिला तीन दिन तक अपने परिजनों के साथ चिचली थाने और गोटीटोरिया पुलिस चौकी के चक्कर काटती रही, लेकिन उसकी एफआईआर दर्ज नहीं की गई। इस दौरान पुलिस ने महिला के परिजनों के साथ गाली गलौच की और पति और जेठ को लॉकअप में बंद भी कर दिया। इस घटना के आहत महिला ने शुक्रवार को आत्महत्या कर ली।
महिला की आत्महत्या के बाद इस मामले ने तूल पकड़ा। तमाम पुलिस अधिकारी हरकत में आए और मृतिका के गांव पहुंचे। 5 लोगों को आरोपी बनाया गया। गैंगरेप के आरोपी पुरुषोत्तम चौधरी, अरविंद चौधरी व अनिल राय के अलावा महिला को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में गांव की ही महिला लीलाबाई चौधरी और मोतीलाल चौधरी के खिलाफ धारा 306 के तहत प्रकरण दर्ज किया गया। लीलाबाई को छोड़कर सभी आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए हैं। खबर भोपाल पहुंचते ही राज्य सरकार हरकत में आई। स्वयं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने डीजीपी से घटना की जानकारी ली और सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। शुक्रवार रात को ही एडिशनल एसपी और डीएसपी को हटा दिया गया। चौकी प्रभारी एमएल कुढापे जिसने एफआईआर करने के बजाए पीडि़त महिला के पति और जेठ को लॉकअप में बंद किया, उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया है।
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