
उज्जैन। महाकाल लोक के साथ ही महाकाल मंदिर में श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या का बेजा फायदा उठाने के लिए कतिपय ठग सक्रिय हो गए है। इन ठगों द्वारा फर्जी वेबसाइट तथा मोबाइल नंबर के आधार पर होटल में कमरा बुकिंग कराने के नाम पर ठगी करने का नया तरीका निकाल लिया है, इसके अलावा बाहरी शहरों के श्रद्धालुओं के साथ मंदिर में दर्शन के नाम पर भी ठगी होने की जानकारी सामने आई है और इसकी जानकारी मंदिर प्रशासन के अधिकारियों को है। मंदिर प्रशासन ने फर्जी वेबसाइट फर्जी मोबाइल नंबर और मंदिर दर्शन के साथ ही प्रसादी के नाम पर होने वाले फर्जीवाड़े को रोकने के लिए महाकाल थाना तथा अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को पत्र लिखा। महाकाल मंदिर और हरसिद्धि मंदिर क्षेत्र में संचालित होने वाली होटलों के कतिपय संचालकों ने भी किराया दुगना तिगुना कर दिया है। जब से महाकाल लोक का लोकार्पण पीएम नरेन्द्र मोदी द्वारा किया गया है तभी से लोक के साथ ही मंदिर में भी दर्शनार्थियों की संख्या बहुत अधिक बढ़ गई है। विशेषकर मध्यप्रदेश के साथ ही अन्य प्रदेशों के लोग हर दिन ही बड़ी संख्या में उज्जैन आ रहे है लेकिन इसका बेजा फायदा कतिपय होटल संचालकों के साथ ही दुकानदारों तथा ठगी करने वालों द्वारा उठाया जा रहा है। मंदिर प्रशासन को भी यह जानकारी मिली है कि मंदिर के प्रसाद, भस्मारती दर्शन कराने के नाम पर फर्जी वेबसाइट तथा मोबाइल नंबरों का उपयोग कर बाहर के श्रद्धालुओं को ठगा जा रहा है। इसके अलावा होटलों में कमरा बुकिंग कराने के नाम पर भी रूपए एडवांस में लेकर मोबाइल बंद कर दिया जाता है। फर्जी वेबसाइट बनाकर भी लोगों को लूटा जा रहा है।
पचास रुपए में महाकाल का प्रसाद
इधर मंदिर परिक्षेत्र में कुछ खान-पान की होटलों द्वारा महाकाल प्रसाद पचास रूपए में बेचा जा रहा है। हालांकि यह महाकाल का प्रसाद नहीं बल्कि भोजन की थाली होती है और इस थाली में भी चार रोटी और एक सब्जी ही होती है लेकिन महाकाल प्रसाद मिलने की आवाज लगाकर बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को आकर्षित किया जाकर अपना धंधा महाकाल प्रसाद के नाम पर चलाया जा रहा है। गौरतलब है कि सावन के महीने में भी इस तरह के मामले सामने आ चुके हैं। इस दौरान महाकाल मंदिर प्रशासन की टूटी हुई धर्मशाला के नाम पर बदमाशों द्वारा ठगी की गई थी। हालांकि, इस तरह के मामले में अब तक पुलिस के हाथ ठग नहीं लगे हैं बस शिकायती आवेदन लेकर खानापूर्ति कर दी जाती है।
इनका कहना है
हमें फर्जी वेबसाइट और मोबाइल नंबरों से दर्शन व प्रसादी बेचने संबंधी जानकारी मिली है। होटलों के कमरे भी बुकिंग के नाम पर फर्जीवाड़ा हो रहा है। महाकाल थाने व वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को पत्र लिखकर संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई के लिए निवेदन किया गया है। श्रद्धालुओं को भी जागरूक रहने की जरूरत है।
2 मूलचंद मूलचंद जूनवाल, सहायक प्रशासक महाकाल मंदिर
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