
नई दिल्ली। पाकिस्तान सीमा (Pakistan border) से भेजे जा रहे ड्रोन (drone) बड़ी चुनौती बनते जा रहे हैं। बीएसएफ (BSF) ने विगत छह माह के अंदर ही पाकिस्तान से लगी पश्चिमी सीमा पर 22 ड्रोन गिराने (downing 22 drones) का काम किया है। एंटी ड्रोन तकनीक को ज्यादा पुख्ता करने के लिए इस बार बजट में ज्यादा प्रावधान की भी संभावना है क्योंकि एजेंसियां मान रही हैं कि ये चुनौती आने वाले साल में बढ़ेगी। एजेंसियों का मानना है कि सीमा की निगरानी (border monitoring) में ड्रोन संकट से निपटना एक प्रमुख एजेंडा बन गया है। क्योंकि इसके जरिए हथियार और ड्रग्स भेजने के अलावा जासूसी की कोशिश बढ़ी है।
गौरतलब है कि खुद गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) ने गुरुवार को एक कार्यक्रम में पश्चिमी सीमा पर 22 ड्रोन मार गिराए जाने की जानकारी देते हुए इसे बड़ी उपलब्धि बताया था। उन्होंने कहा था कि नापाक इरादों के साथ नारकोटिक्स और टेररिज्म फैलाने के लिए हथियार लाने वाले ड्रोन पर सफलता प्राप्त हो रही है। नोएडा में बीएसएफ ड्रोन/यूएवी और साइबर फोरेंसिक लैब में पकड़े गए ड्रोन के माध्यम से इसके लिंकेज और बॉर्डर पार के स्थान की बहुत अच्छी तरीके से मैपिंग और पहचान की जा रही है।
पिछले कुछ महीने में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने पंजाब और जम्मू की सीमा से बड़ी मात्रा में ड्रोन के जरिए भेजे गए ड्रग्स और हथियार बरामद किए हैं। पाकिस्तान की तरफ से ड्रोन घुसपैठ 2021 के मुकाबले साल 2022 में दोगुनी रही। सीमा पर जिन ड्रोन को मार गिराया गया है उनमें उसी प्रौद्योगिकी व तकनीक का इस्तेमाल किया गया है, जो चीन के पास है।
साल 2020 में 79 मामले, तो साल 2021 में 109 ड्रोन घुसपैठ के मामले देखे गए थे, जो 2022 में बढ़कर अब तक 270 से ज्यादा हो गए हैं। जानकारी के मुताबिक इनमें ड्रोन घुसपैठ के 220 से ज्यादा मामले अकेले पंजाब सीमा में सामने आए हैं। वहीं जम्मू में करीब 25 मामले अब तक देखे गए हैं।
भारत-पाकिस्तान के बीच अंतरराष्ट्रीय सीमा की कुल लंबाई 2900 किलोमीटर है। इसकी रक्षा की जिम्मेदारी सीमा सुरक्षा बल के कंधों पर है। सूत्रों का कहना है कि ड्रोन घुसपैठ को रोकने के लिए भारत-पाकिस्तान की सीमाओं पर बीएसएफ ने एंटी ड्रोन सिस्टम लगाए हैं। आने वाले दिनों में इनकी संख्या को और बढ़ाया जाएगा।
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