कीव। यूक्रेन (Ukraine) बीते तीन साल से भी अधिक समय से रूस के साथ जंग लड़ रहा है। 24 फरवरी 2022 को रूस ने जब यूक्रेन (Ukraine) पर हमला किया, तब दोनों पक्षों ने भी नहीं सोचा था कि यह युद्ध सालों तक चलेगा। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सहित कई वैश्विक नेताओं की कोशिशों के बावजूद अब तक युद्धविराम नहीं हो पाया है और जंग के निकट भविष्य में खत्म होने के आसार भी नजर नहीं आ रहे हैं। इस बीच एक रिपोर्ट में यूक्रेन की आबादी को लेकर कुछ हैरान करने वाले खुलासे हुए हैं। इसके मुताबिक जंग से त्रस्त यूक्रेन के सामने एक अन्य बड़ी चुनौती है, जिसका मुकाबला करना और भी मुश्किल होगा।
70 लाख लोगों का पलायन
ग्लैडुन के मुताबिक देश के सामने आए इस संकट के पीछे की सबसे बड़ी वजह पलायन है। 2022 से अब एक लगभग 70 लाख लोग, जिनमें मुख्य रूप से महिलाएं और बच्चे हैं, देश छोड़ चुके हैं। एक अनुमान के मुताबिक 4.3 मिलियन यूक्रेनी ने यूरोपीय यूनियन में शरण ले ली हैं। वहीं रूस के साथ जंग में हजारों यूक्रेनी मारे गए हैं। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने फरवरी 2025 में एक इंटरव्यू में कहा था कि इस जंग में अब तक 46,000 से ज्यादा यूक्रेनी सैनिक मारे गए। इसके अलावा हजारों सैनिक अब भी लापता हैं या रूसी जेलों में कैद में हैं।
रूस, जापान और चीन का भी बुरा हाल
यूक्रेन के साथ जंग लड़ रहे रूस का भी बुरा हाल है। रूस में रूस की आबादी बूढ़ी हो रही है और इसकी चिंताएं सरकार को भी सता रही है। देश के अलग-अलग हिस्सों में जन्म दर बढ़ाने के लिए सरकार कई तरह की कोशिशें कर रही हैं। इस क्रम में रूस के युवाओं को बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए नगद राशि भी बांटी जा रही है। वहीं जापान, चीन और कोरिया की आबादी भी तेजी से बूढ़ी हो रही है, और जन्म दर लगातार गिरने की वजह से देश चिंतित है।
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