
इंदौर। बीना विधायक निर्मला सप्रे के दलबदल के मामले में सदस्यता रद्द किए जाने को लेकर हाईकोर्ट में दायर याचिका पर जस्टिस प्रणय वर्मा की बेंच में बहस पूरी हो गई। कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने रिट पिटीशन दायर की है। इसमें कहा गया है कि कांग्रेस से निर्वाचित विधायक निर्मला सप्रे बीजेपी के साथ हैं, लेकिन उन्होंने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा नहीं दिया।
याचिका में मांग की गई है है कि सप्रे ने पार्टी बदली है तो उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द की जानी चाहिए। इसके लिए पहले विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर के समक्ष पत्र भेजा था लेकिनउस पर 90 दिन की तय अवधि में कोई कार्रवाई नहीं होने पर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई। कल हाईकोर्ट में हुई बहस के दौरान सिंगार की ओर से एडवोकेट विभोर खंडेलवाल ने तर्क में कहा कि या तो कोर्ट इस पर निर्णय दे या विधानसभा अध्यक्ष की निर्देशित करे। शासन की ओर से महाधिवेशन प्रशांत सिंह ने तर्क रखे। सभी की बहस सुन कोर्ट ने आदेश सुरक्षित रख लिया है। उल्लेखनीय है कि 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर सागर जिले की बीना सीट से निर्मला सप्रे विधायक बनीं थी।

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