
नई दिल्ली । दुनियाभर में आतंकवाद फैलाने के लिए कुख्यात पाकिस्तान (Pakistan) अब पैसों के लिए दर-दर भटक रहे हैं। आईएमएफ (IMF) से पिछले दिनों कर्ज लेने के बाद अब पाकिस्तान को एशियाई विकास बैंक (एडीबी) से बड़ी रकम मिल गई है। एडीबी ने पाकिस्तान के लिए 80 करोड़ डॉलर के पैकेज (Package) को मंजूरी दी है। यह राशि राजकोषीय स्थिति को मजबूत करने और सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन में सुधार के लिए दी जा रही है। वहीं, सूत्रों के अनुसार, भारत ने इस कदम का कड़ा विरोध भी जताया है।
पाकिस्तान के वित्त मंत्री के सलाहकार खुर्रम शहजाद ने सोशल मीडिया पर एक संक्षिप्त बयान में इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि कुल राशि में 30 करोड़ डॉलर का नीति-आधारित ऋण और 50 करोड़ डॉलर की कार्यक्रम-आधारित गारंटी शामिल है। उन्होंने कहा, ”एडीबी ने संसाधन जुटाने के सुधार कार्यक्रम के तहत पाकिस्तान के लिए 80 करोड़ डॉलर के वित्त पोषण पैकेज को मंजूरी दी है।”
एडीबी ने भी एक बयान में पाकिस्तान को वित्तीय सहायता दिए जाने की पुष्टि की है। पाकिस्तान के लिए एडीबी की क्षेत्रीय निदेशक एम्मा फैन ने कहा, ”पाकिस्तान ने वृहद आर्थिक स्थितियों में सुधार लाने में महत्वपूर्ण प्रगति की है। यह कार्यक्रम सरकार की नीति और संस्थागत सुधारों के प्रति प्रतिबद्धता का समर्थन करता है जो सार्वजनिक वित्त को मजबूत करेगा और सतत विकास को बढ़ावा देगा।”
इससे पहले, एडीबी ने भारत के अनुरोध पर पाकिस्तान के लिए 800 मिलियन अमेरिकी डॉलर के वित्तपोषण पैकेज की मंजूरी को पांच दिनों के लिए स्थगित कर दिया था। इसके बाद बैठक को 3 जून के लिए पुनर्निर्धारित किया गया। एडीबी के अनुसार, वित्तीय कार्यक्रम कर नीति, प्रशासन और अनुपालन में सुधार के लिए दूरगामी सुधारों का समर्थन करता है, जबकि सार्वजनिक व्यय और नकदी प्रबंधन को बढ़ाता है। यह डिजिटलीकरण, निवेश सुविधा और निजी क्षेत्र के विकास को भी बढ़ावा देता है। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था एक जटिल परिदृश्य से गुजर रही है, जिसमें मामूली वृद्धि पूर्वानुमान, राजकोषीय बाधाएं और बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव शामिल हैं।
पाक को मिली मदद का भारत ने किया विरोध
भारत ने एशियाई विकास बैंक (एडीबी) द्वारा पाकिस्तान को किसी भी प्रकार की वित्तीय सहायता दिए जाने का कड़ा विरोध किया है। सरकारी सूत्रों ने कहा कि भारत ने एडीबी संसाधनों के संभावित दुरुपयोग के बारे में गहरी चिंता व्यक्त की, विशेष रूप से पाकिस्तान के बढ़ते रक्षा व्यय, उसके घटते कर जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) अनुपात और प्रमुख व्यापक आर्थिक सुधारों पर स्पष्ट प्रगति की कमी का हवाला देते हुए यह विरोध जताया है। भारत ने एडीबी को अपने संसाधनों के दुरुपयोग की संभावना के बारे में भी आगाह किया है। सूत्रों ने कहा कि विकास के विपरीत, अपनी सेना पर व्यय में वृद्धि के बीच पाकिस्तान के संबंध को केवल उसके घरेलू संसाधन जुटाने के संदर्भ में पूरी तरह से नहीं समझाया जा सकता है।
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