
नई दिल्ली । अमेरिका (America)में करीब 10 हजार सरकारी कर्मचारियों (10 thousand government employees)पर गाज गिरी है। डोनाल्ड ट्रंप(donald trump) औऱ उनके सहयोगी एलन मस्क (Elon Musk’s colleague)ने मिलकर एक ही दिन में 9500 कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का फैसला किया है। ये कर्मचारी सरकारी जमीनों के संरक्षण से लेकर रिटायर्ड जवानों की देखभाल तक के काम में लगे थे। जानकारी के मुताबिक नौकरशाही को कम करने के लिए डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने यह कड़ा कदम उठाया है।
गृह विभाग, ऊर्जा, वेटरन अफेयर्स, कृषि, स्वास्थ्य और अन्य कई विभागों में छंटनी की गई है। जिन लोगों को नौकरी से निकाला गया है उनमें से ज्यादा तर प्रोबेशन पीरियड में थे। बहुत सारे कर्मचारियों को नौकरी करते एक साल भी नहीं हुआ था। वहीं कुछ सरकारी एजेंसियों को भी बंद कर दिया गया है। इनमें कंज्यूमर फाइनैंशियल प्रोटेक्शन ब्यूरो भी शामिल है। इस बीच इंटरनल रेवेन्यू सर्विस में भी हजारों कर्मचारियों को नौकरी से निकालने की तैयारी की जा रही है।
रॉयटर्स की रिपोर्ट की मानें तो 15 अप्रैल से पहले इस डिपार्टमेंट में भी बड़ी संख्या में कर्मचारियों पर गाज गिर सकती है। वाइट हाउस के मुताबिक 75 हजार ऐसे भी कर्मचारी थे जिन्होंने डोनाल्ड ट्रंप औऱ एलन मस्क के विरोध में अपनी मर्जी से ही नौकरी छोड़ दी। अमेरिका का कुल सिविलियन स्टाफ लगभग 23 लाख का है। ऐशे में करीब 3 पर्सेंट सरकारी कर्मचारियों ने अपने मन से ही नौकरी छोड़ दी है।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिका की सरकार पैसे की काफी बर्बादी कर रही थी। वहीं कर्ज भी बढ़ता जा रहा है। अमेरिका पर लगभग 36 ट्रिलियन डॉलर का कर्ज हो गया है। वहीं पिछले साल राजकोषीय घाटा 1.8 ट्रिलियन डॉलर का था। ऐसे में सरकार में सुधार की जरूरत है। बता दें कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एलन मस्क को डिपार्टमें ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी का हेड बनाया है। ऐसे में कर्मचारियों से संबंधित फैसले एलन मस्क के हाथों में है।
अमेरिका की संघीय अदालत के एक जज ने देश के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की फेडरल वर्कफोर्स में कटौती की उस योजना का रास्ता बुधवार को साफ कर दिया था जिसके जरिए कर्मचारियों को इस्तीफा देने के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से उन्हें धन की पेशकश की जा रही है।
बोस्टन में अमेरिकी जिला न्यायाधीश जॉर्ज ओ’टूल जूनियर ने पाया कि श्रमिक संघों के एक समूह के पास इस कार्यक्रम को चुनौती देने के लिए कानूनी आधार नहीं है। इस कार्यक्रम को आमतौर पर ‘बायआउट’ (खरीदने की गतिविधि) के रूप में वर्णित किया जाता है। ट्रंप की सरकारी कर्मचारियों को नौकरी छोड़ने के लिए प्रोत्साहित करने के मकसद से उन्हें वित्तीय प्रोत्साहन देने की योजना है।
अमेरिका के राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास एवं कार्यालय ‘व्हाइट हाउस’ के अनुसार, हजारों कर्मचारियों ने सरकार के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। इस कार्यक्रम की अगुआई एलन मस्क ने की है, जो संघीय खर्च को कम करने के लिए ट्रंप के शीर्ष सलाहकार के रूप में काम कर रहे हैं।

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