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मेक इन इंडिया के बिना मंजूर नहीं डिफेंस डील, रूस के बाद अमेरिका को भी माननी पड़ेगी शर्त, जानें

February 20, 2025

नई दिल्ली । अमेरिका और रूस(America and Russia) से मिले प्रस्तावों के बाद स्टील्थ फाइटर जेट की खरीद(Procurement of stealth fighter jets) को लेकर सरगर्मी तेज(stirring fast) होने लगी है। हालांकि भारत ने इस शर्त पर कायम रहने का फैसला किया है कि विदेशी कंपनी को देश में ही लड़ाकू विमानों का निर्माण करना होगा। अगले कुछ माह में भारत मेक इन इंडिया की शर्त के साथ 114 बहुद्देश्यीय लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए वैश्विक निविदा जारी कर सकता है।

हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब अमेरिका गए थे तो राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को अत्याधुनिक स्टील्थ लड़ाकू विमान एफ-35 बेचने का प्रस्ताव दिया था। इसके बाद रूस ने भी एसयू-57 भारत को बेचने का प्रस्ताव दिया है। कई और कंपनियां भी इस दौड़ में हैं। जैसे दसाल्ट का राफेल, साब का ग्रिपन ई, बोइंग का सुपर हार्नेट, एयरबस का यूरोफाइटर टाइफून आदि।


भारत ने 2018 में विभिन्न कंपनियों से प्रस्ताव भी मांगे गए थे। इसके बाद कुल आठ प्रस्ताव भारत को मिले थे, लेकिन अब तक निर्णय नहीं हो पाया। ज्यादातर कंपनियां भारत को विमान बेचने की इच्छुक तो हैं, लेकिन भारत में निर्माण की शर्त स्वीकार नहीं कर रही थीं। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने स्पष्ट किया है जल्द निकलने वाली निविदा में भी मेक इन इंडिया की अनिवार्य शर्त बनी रहेगी। अमेरिका की लाकिड मार्टिन जे-35 फाइटर प्लेन बनाती है। इसी विमान को बेचने का प्रस्ताव अमेरिकी राष्ट्रपति ने दिया है।

सूत्रों की मानें तो यह कंपनी शायद ही भारत में विमानों के उत्पादन की शर्त स्वीकार करे, क्योंकि ट्रंप भी अमेरिका में ही विमान उत्पादन पर जोर दे रहे हैं। इधर, सूत्रों का कहना है रूस का रुख इस मामले में लचीला हो सकता है। रूस पूर्व में सुखोई की बिक्री भारत को उत्पादन की शर्त पर कर चुका है।

लगातार बढ़ती जा रही चीन की चुनौती

भारत जहां पांचवीं पीढ़ी के स्टील्थ विमानों की खरीद की तैयारी कर रहा है, वहीं चीन ने छठी पीढ़ी के लड़ाकू विमान तैयार कर लिए हैं। वह पांचवीं पीढ़ी के 40 जे-35 विमान पाकिस्तान को भी बेचने जा रहा है। ऐसे में भारत की दोहरे मोर्चे पर चुनौतियां बढ़ गई हैं। लड़ाकू विमानों की कमी से निपटने के लिए रक्षा सचिव की अध्यक्षता वाली समिति इसका हल निकालेगी।

रूस के एसयू-57 की विशेषता

1. दुनिया का सबसे घातक और तेज गति से हमला करने में सक्षम।

2. इसमें एईएसए रडार सिस्टम है और यह क्रूज मिसाइल दाग सकता है।

3. लगभग 54,000 फीट की ऊंचाई पर काम कर सकता है।

4. इसकी मारक क्षमता लगभग 3,000 किलोमीटर है।

5. विमान की गति 1800 मील प्रति घंटे तक पहुंच सकती है।

6. डबल इंजन और सिंगल सीट से लैस है आधुनिक लड़ाकू विमान।

7. हवा में लंबी दूरी के ऑपरेशन को अंजाम देने में सक्षम।

अमेरिकी एफ-35 की खासियत

● इसकी मारक क्षमता लगभग 2,200 किलोमीटर है।

● यह 1,200 मील प्रति घंटे की हाई स्पीड तक पहुंच सकता है।

● कॉकपिट में टच स्क्रीन, हेलमेट-माउंटेड डिस्प्ले सिस्टम का इस्तेमाल।

● चारों ओर छह इंफ्रारेड कैमरे लगे हैं।

● एफ-35 सिंगल सीट, सिंगल इंजन, सुपरसोनिक, सभी मौसम में काम करने वाला लड़ाकू विमान है।

● छह हजार से 8,100 किलो वजनी हथियार ले जाने की क्षमता।

● 50,000 फीट की ऊंचाई पर मारने में सक्षम, दुश्मन के रडार पर नहीं आएगा।

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