
नई दिल्ली । रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सेना प्रमुखों (Defence Minister Rajnath Singh and Army Chiefs) ने कारगिल के शहीदों को श्रद्धांजलि दी (Paid Tribute to Kargil Martyrs) । देश भर में कारगिल विजय दिवस की वर्षगांठ को गर्व और सम्मान के साथ मनाया जा रहा है। इस अवसर पर दिल्ली स्थित नेशनल वॉर मेमोरियल पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 1999 के कारगिल युद्ध में शहीद हुए वीर जवानों को नमन करते हुए पुष्पचक्र अर्पित किया।
इससे पहले, राजनाथ सिंह ने एक एक्स पोस्ट में कहा, “कारगिल विजय दिवस पर, मैं उन वीरों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं जिन्होंने अत्यंत कठिन परिस्थितियों में भी देश के सम्मान की रक्षा में असाधारण साहस, धैर्य और दृढ़ संकल्प का परिचय दिया। कारगिल युद्ध के दौरान उनका सर्वोच्च बलिदान हमारे सशस्त्र बलों के अटूट संकल्प की चिरस्थायी याद दिलाता है। भारत उनकी सेवा का सदैव ऋणी रहेगा।”
इस अवसर पर रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह ने भी शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इस दौरान चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह, नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी और थल सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी विशेष रूप से मौजूद रहे। श्रद्धांजलि समारोह के दौरान सभी वरिष्ठ अधिकारियों ने अमर जवान ज्योति पर वीर शहीदों को याद किया और उनके बलिदान को नमन किया।
कारगिल विजय दिवस के अवसर पर भारतीय सशस्त्र बलों, पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों को शुभकामनाएं देते हुए, जनरल चौहान ने कहा कि शहीद वीरों का अदम्य साहस आने वाली पीढ़ियों को सैन्य बलों के मार्गदर्शक के रूप में सेवा करने के लिए प्रेरित करता रहेगा। उन्होंने कहा कि हम कर्तव्य निभाते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीरों को गहरी श्रद्धा के साथ याद करते हैं। उनका अदम्य साहस आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा और हमारे सशस्त्र बलों और देश के युवाओं के लिए एक मार्गदर्शक के रूप में कार्य करेगा। उनके सर्वोच्च बलिदान को कभी नहीं भुलाया जाएगा।
कारगिल विजय दिवस हर वर्ष 26 जुलाई को मनाया जाता है, जो उस ऐतिहासिक विजय की याद दिलाता है जब भारतीय सैनिकों ने पाकिस्तान के कब्जे से चोटियों को सफलतापूर्वक मुक्त कराया था। यह ऑपरेशन भारतीय सशस्त्र बलों ने लद्दाख के कारगिल क्षेत्र में प्रमुख पर्वतीय चौकियों पर कब्जा जमाए पाकिस्तानी घुसपैठियों को खदेड़ने के लिए शुरू किया था।
26वें कारगिल विजय दिवस समारोह को संबोधित करते हुए थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा, “मैं चौथी बार कारगिल विजय दिवस के इस पावन आयोजन में सम्मिलित होकर गर्वित और भावुक महसूस कर रहा हूं…पिछले साल 2024 में हमने रजत जयंती के रूप में इस विजय गाथा का स्मरण किया…हम उन बहादुर नायकों को नमन करते हैं जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति दी, ताकि हम गरिमा के साथ शांतिपूर्वक रह सकें…जो भी शक्तियां भारत की संप्रभुता, अखंडता या जनता को क्षति पहुंचाने की योजना बना रही हैं, उन्हें करारा जवाब दिया जाएगा, यही भारत देश का न्यू नॉर्मल है।
थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने कहा “आज की भारतीय सेना न केवल वर्तमान चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना कर रही है, बल्कि एक गतिशील, आधुनिक और भविष्य के लिए तैयार बल के रूप में हर दिन तेजी से आगे बढ़ रही है…” कारगिल युद्ध पर बात करते हुए थल सेनाध्यक्ष ने कहा ”उस युद्ध में भारतीय सेना ने बर्फीले पहाड़ों से पाकिस्तानी सैनिकों और घुसपैठियों को खदेड़कर उन पर तिरंगा फहराया था ।”
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