
नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने मंगलवार को कहा कि आज के समय में साइबर हमलों (Cyber Attacks), सूचना युद्ध और बदलती सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए भारतीय सेना (Indian Army) के बीच बेहतर तालमेल और एक समान प्रणाली की जरूरत है। वह दिल्ली में आयोजित त्रि-सेवा संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्रालय (Ministry of Defense) इस दिशा में हरसंभव सहयोग करेगा।
राजनाथ सिंह ने कहा, हमारी सेनाओं ने वर्षों के अनुभव से अपनी ऑडिट प्रणाली विकसित की हैं। लेकिन आज के एकीकृत अभियानों के दौर में जरूरी है कि ये प्रणाली एक-दूसरे जुड़ी हों। अगर हर सेना अलग-अलग काम करेगी, तो फैसला लेना मुश्किल हो सकता है। एकीकृत प्रणाली से सेनाओं का आत्मविश्वास भी बढ़ेगा। आज हमें साइबर हमलों और सूचना युद्ध का खतरा है, इसलिए हमें इनके लिए मानक तय करने होंगे।
उन्होंने आगे कहा, जब हम मानक तय करने की बात करते हैं, तो इसका मतलब यह नहीं है कि सेनाओं की अपनी पहचान खत्म हो जाएगी। हम हर सेना पर एक जैसा तरीका नहीं थोप सकते। हमें ऐसी प्रणाली बनानी होगी जो तीनों सेनाओं के काम को एकसाथ जोड़े। मुझे भरोसा है कि इस पर गंभीर चर्चा होगी और रक्षा मंत्रालय पूरा सहयोग करेगा। रक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि देश को इस दिशा में लगातार काम करने की जरूरत है, ताकि एक ऐसी आधुनिक और सक्षम प्रणाली तैयार की जा सके जो सभी सेवाओं के लिए उपयोगी हो।
उन्होंने कहा, इसके लिए हमें लगातार संवाद की जरूरत होगी। इस प्रक्रिया में नेतृत्व की भूमिका बहुत अहम होगी। हर कदम पर यह स्पष्ट करना होगा कि यह सुधार क्यों जरूरी है। जब तक हर सेवा और हर कर्मचारी को ‘संयुक्तता’ का महत्व समझ में नहीं आएगा, तब तक यह सफल नहीं हो सकता। हम दूसरे देशों के अच्छे अनुभवों से सीख सकते हैं, लेकिन हर देश की अपनी परिस्थितियां होती हैं। हमें अपनी जरूरतों के हिसाब से समाधान तैयार करना होगा।
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