
नई दिल्ली । दिल्ली धमाके(Delhi blasts) में इस्तेमाल कार में को लेकर कुछ नई जानकारियां सामने आईं हैं। सैकड़ों सीसीटीवी कैमरों(CCTV cameras) की जांच के बाद पुलिस(Police) ने यह पता लगाया है कि विस्फोट से पहले यह कार कहां-कहां गई और किन रास्तों से होते हुए लाल किले के पास घटना स्थल तक पहुंची थी। पता चला है कि करीब 4 बजे कार सुनहरी मस्जिद पार्किंग में गई थी और दो घंटे तक रही। अभी यह नहीं पता चला है कि कार को वहां रखने का क्या मकसद था। धमाके के वक्त कार में तीन लोगों के सवार होने की बात सामने आई है।
जांच में शामिल एक अधिकारी ने कहा, ‘यू टर्न लेने और लोअर सुभाष मार्ग की तरफ मुड़ने से पहले कार छत्ता रेल चौक की तरफ जा रही थी। सीसीटीवी फुटेज में दिख रहा है कि कार एक सिग्नल की तरफ जा रही थी और धमाके से ठीक पहले इसकी गति धीमी हो गई थी।’ अधिकारी ने बताया कि धमाके में कार सवार तीनों संदिग्धों की मौत हो गई।
जिस i20 कार में धमाके की बात सामने आई है उसके आखिरी कुछ घंटों के सफर का पुलिस पता लगा रही है। सीसीटीवी फुटेज से सामने आया है कि कार को दरयागंज मार्केट से आते हुए देखा गया। एक अधिकारी ने बताया, ‘कार सुनहरी मस्जिद के पास देखी गई। वहां यह दो घंटे तक रही। इसके बाद यह तीन लोगों को लेकर लाल किले की ओर गई। यूटर्न मारकर कार लोअर सुभाष मार्ग की ओर मुड़ी थी। सीसीटीवी से पता चला है कि कार सिग्नल की तरफ बढ़ रही थी और धमाके से ठीक पहले इसकी गति कम हो गई थी।’
एक अधिकारी ने नाम गोपनीय रखने की शर्त पर बताया पूरी संभावना है कि धमाका कार के पिछले हिस्से में शुरू हुआ। एनएसजी और एफएसएल टीम की जांच बहुत अहम है क्योंकि पुलिस को छर्रे या नुकीली चीजें नहीं मिली हैं जो आमतौर पर बम धमाकों के बाद मिलती हैं। डॉक्टरों ने भी बताया है कि अधिकतर लोगों के शरीर जले हैं। शरीर पर छर्रे नहीं लगे हैं। धमाके के कुछ देर बाद ही एनएसजी अधिकारी और एफएसएल के एक्सपर्ट पहुंचे और जांच-पड़ताल की।
अधिकारी ने बताया कि एक्सपर्ट्स की टीम इस बात का पता लगा रही है कि विस्फोटक पदार्थ क्या था। एक अधिकारी ने बताया, ‘एनएसजी की पोस्ट-ब्लास्ट टीम विस्फोट के प्रभाव, बने हुए गड्ढों, क्षति की प्रकृति और प्रभाव क्षेत्र के माप की जांच करती है। इन तथ्यों के साथ-साथ विस्फोटक की उपस्थिति का विश्लेषण करने वाले उपकरणों का उपयोग करके विशेषज्ञ यह निष्कर्ष निकालते हैं कि विस्फोट की प्रकृति कैसी थी।’
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