
नई दिल्ली । दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने सोमवार को आम आदमी पार्टी के मंत्री (AAP Minister) सत्येंद्र जैन (Satyendra Jain) के सह-आरोपी (Co-Accused) अंकुश जैन और वैभव जैन (Ankush Jain and Vaibhav Jain) की जमानत याचिका पर (On Bail Plea) प्रवर्तन निदेशालय (ED) को नोटिस जारी किया (Issues Notice) ।
न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा ने सुनवाई के लिए मामले को 20 दिसंबर को सूचीबद्ध किया है। सत्येंद्र जैन की जमानत अर्जी भी उसी तारीख के लिए सूचीबद्ध है। 17 नवंबर को निचली अदालत के विशेष न्यायाधीश विकास ढुल ने मामले में अंकुश और वैभव को जमानत देने से इनकार कर दिया। 1 दिसंबर को दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा ने ईडी को सत्येंद्र जैन की याचिका पर दो सप्ताह के भीतर अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया और मामले को 20 दिसंबर के लिए सूचीबद्ध किया।
ईडी ने 27 जुलाई को मामले के संबंध में उनके और अन्य के खिलाफ एक अदालत के समक्ष आरोप पत्र दायर किया था। उन पर आरोप लगाया गया था कि जैन ने 14 फरवरी, 2015 को दिल्ली सरकार में मंत्री के रूप में पद संभाला था और 31 मई, 2017 को उन्होंने अपनी आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति अर्जित की थी। जैन को 30 मई को केंद्रीय एजेंसी द्वारा गिरफ्तार किया गया था।
ईडी ने सीबीआई द्वारा दर्ज केस के आधार पर मंत्री, पूनम जैन, अजीत प्रसाद जैन, सुनील कुमार जैन, वैभव जैन, और अंकुश जैन खिलाफ जांच शुरू की। 3 दिसंबर, 2018 को जैन, उनकी पत्नी पूनम जैन और अन्य आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की गई थी। इससे पहले ईडी ने 31 मार्च, 2022 को जैन के स्वामित्व वाली और नियंत्रित कंपनियों से 4.81 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति को कुर्क किया था।
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