
नई दिल्ली । दिल्ली की रेखा गुप्ता सरकार (Delhi’s Rekha Gupta Government) ने मुनक नहर पर (On Munak Canal) 3 हजार करोड़ की लागत से (At the cost of 3 Thousand Crores) एलिवेटेड रोड की डीपीआर को मंजूरी दे दी (Approved the DPR of Elevated Road) । सरकार ने गुरुवार को दिल्ली जल बोर्ड की बैठक में मुनक नहर को लेकर यह बड़ा फैसला किया ।
जानकारी के अनुसार, सरकार ने मुनक नहर पर एलिवेटेड रोड बनाने के लिए हरियाणा सरकार से एनओसी मांगी है। बताया जा रहा है कि एलिवेटेड रोड की लंबाई करीब 20 किलोमीटर होगी और इसे बवाना से इंद्रलोक तक बनाया जाएगा। इस प्रोजेक्ट को पूरा करने की जिम्मेदारी नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) की होगी।
एलिवेटेड रोड का डीपीआर 3 महीने में पूरा होगा। इस प्रोजेक्ट के 3 साल में पूरा होने का अनुमान है। प्रस्तावित एलिवेटेड रोड 2 लोकसभा, 18 विधानसभा और 35 एमसीडी वार्ड को कवर करेगा। एनएचएआई एलिवेटेड रोड बनाएगा, जबकि मुनक कैनाल की बाउंड्री, इलेक्ट्रिक वर्क और रखरखाव की जिम्मेदारी पीडब्ल्यूडी के अधीन होगी। प्रोजेक्ट के पूरा होने से रोजाना लाखों लोग एलिवेटेड रोड का इस्तेमाल कर पाएंगे। साथ ही कैनाल के एरिया में आपराधिक वारदातों पर भी अंकुश लगाया जा सकेगा।
बता दें कि मुनक नहर दिल्ली की जल आपूर्ति की एक महत्वपूर्ण जीवन रेखा है, जो हरियाणा से यमुना नदी का पानी दिल्ली तक लाती है। यह नहर करनाल जिले से शुरू होकर दिल्ली के हैदरपुर तक पहुंचती है। इसकी कुल लंबाई 102 किलोमीटर है, जिसमें 85 किमी हरियाणा में और 17 किमी दिल्ली में है। इसका निर्माण हरियाणा सरकार ने किया था। यह नहर दिल्ली के हैदरपुर, बवाना, द्वारका और नांगलोई जल उपचार संयंत्रों को पानी उपलब्ध कराती है, जो दिल्ली की प्यास बुझाने में अहम भूमिका निभाती है। मुनक नहर दिल्ली के लिए काफी अहम है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जब भी नहर का पानी रोका गया, राजधानी में जल संकट पैदा हो गया। जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान भी नहर का पानी रोका गया था। इससे दिल्ली बुरी तरह प्रभावित हुई थी।
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