
इंदौर। निविदाएं जारी होने के बावजूद इंदौर जिले का सीमांकन 19 टीएसएम मशीनों के भरोसे ही है। 6 से अधिक निजी कम्पनियों ने मशीन उपलब्ध कराने के लिए टेण्डर भरे, लेकिन उच्च अधिकारियों की लापरवाही के चलते अब तक इंदौर जिले के किसान अपनी जमीन का सीमांकन कराने के लिए इंतजार कर रहे हैं। 1699 प्रकरण तीन माह से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी लम्बित बताए जा रहे हैं। कलेक्टर आशीषसिंह ने पांच हजार से अधिक सीमांकन के प्रकरणों को निपटाने के लिए निजी एजेंसियों से मशीनें किराए पर लेकर जमीनें नपवाने की अभिनव पहल की थी, लेकिन यह पहल भी खटाई में जाती नजर आ रही है।
महीनों पहले जारी की गई निविदाएं अब भी अटकी पड़ी हैं। दस तहसीलों के प्रकरणों को निपटाने के लिए पटवारियों और नायब तहसीलदारों को 19 टीएसएम मशीनों के भरोसे ही काम करना पड़ रहा है। जिले के राजस्व न्यायालय में पिछले दिनों सीमांकन के 16490 प्रकरण दर्ज किए गए थे, जिनमें से अब भी 1699 प्रकरण लम्बित बताए जा रहे हैं। मशीनों की संख्या कम होने के कारण किसानों का नंबर देर से आ रहा है, जिसके कारण दिन-ब-दिन लंबित मामलों की संख्या बढ़ती जा रही है। प्रशिक्षित सर्वेयर की उपलब्धता नहीं होने के कारण उक्त मामले अटके हुए हैं।
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