
नई दिल्ली । राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कहा कि विपक्ष का नेता होने के बावजूद (Despite being the Leader of Opposition) मुझे सदन में बोलने नहीं दिया जाता (I am not allowed to Speak in the House) । विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने लोकसभा में अपनी बात रखने की अनुमति न मिलने को लेकर नाराजगी जाहिर की।
राहुल गांधी ने कहा कि जब सरकार की ओर से रक्षा मंत्री और अन्य मंत्री बोल सकते हैं, तो विपक्ष के नेता को भी बोलने का अधिकार मिलना चाहिए। राहुल गांधी ने सदन में कहा, “सवाल यह है कि सरकार के लोग सदन में बोल सकते हैं, लेकिन विपक्ष के किसी नेता को बोलने नहीं दिया जाता । मैं विपक्ष का नेता हूं, मुझे कभी बोलने ही नहीं दिया जाता । यह मेरा हक है। परंपरा कहती है कि अगर सरकार की ओर से लोग बोल सकते हैं, तो हमें भी बोलने की जगह मिलनी चाहिए।”
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “सवाल ये है कि जो सदन में रक्षा मंत्री को बोलने देते हैं, उनके (सरकार) लोगों को बोलने देते हैं, लेकिन अगर विपक्ष का कोई नेता कुछ कहना चाहता है तो अनुमति नहीं है। मैं विपक्ष का नेता हूं, मेरा हक है, तो मुझे कभी बोलने ही नहीं देते हैं। ये एक नया एप्रोच है।” उन्होंने आगे कहा कि परंपरा कहती है कि यदि सरकार की तरफ से लोग बोल सकते हैं, तो हमें भी बोलने की जगह मिलनी चाहिए। हम दो शब्द कहना चाहते थे, मगर विपक्ष को इसकी इजाजत नहीं है।
राहुल गांधी की बात का समर्थन करते हुए कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, “अगर सरकार चर्चा के लिए तैयार है, तो उन्हें विपक्ष के नेता को बोलने देना चाहिए। वह (राहुल गांधी) बोलने के लिए खड़े हुए हैं, इसलिए उन्हें बोलने दिया जाना चाहिए।” गौरतलब है कि मानसून सत्र की शुरुआत से ही विभिन्न मुद्दों पर सरकार और विपक्ष के बीच तीखा टकराव देखने को मिल रहा है। विपक्ष का आरोप है कि उन्हें अपनी बात रखने का पर्याप्त अवसर नहीं दिया जा रहा, जबकि सरकार इसे सत्र को बाधित करने की राजनीति बता रही है।
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