
इंदौर। पिछले दो दिनों से हो रही बारिश (Rain) के चलते कई क्षेत्रों में लोगों की खासी फजीहत (quite a hassle) हुई। इनमें मध्य क्षेत्र (Central Region) से लेकर एरोड्रम (Aerodrome) और द्वारकापुरी से लेकर हवा बंगला क्षेत्र की कई कालोनियां रहीं, जहां कालोनी की गलियों में पानी जमा होने के कारण लोगों का आवागमन ही बंद हो गया था। सूचना के बाद भी घंटों तक निगम की टीमें मौके पर नहीं पहुंचीं।
नगर निगम कमिश्नर शिवम वर्मा ने पिछले दिनों कई बार झोनल अधिकारियों से लेकर अन्य संबंधित अधिकारियों की बैठक लेकर उन्हें चेतावनी दी थी कि जलजमाव होने पर अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, लेकिन उसके बावजूद चौराहों से लेकर कई जलजमाव वाले क्षेत्रों में कोई इंतजाम नहीं किए गए, जिसके चलते दो दिनों से हो रही बारिश के बाद कई क्षेत्रों में सडक़े ंतालाब बन गईं और लोग परेशान होते रहे। बाणगंगा से लेकर एयरपोर्ट, हवा बंगला तक की कई कालोनियों की हालत बदतर थी। जगह-जगह गलियों में जलजमाव होने के कारण लोग परेशान होते रहे। निगम ने आरेंज टीम बनाई है, लेकिन संसाधनों और कर्मचारियों की कमी के चलते कल कई स्थानों पर टीमें नहीं पहुंचीं। पानी निकालने वाली पंप लगी गाडिय़ों की मांग सबसे ज्यादा रही। हवा बंगला झोन, द्रविड़ नगर झोन, राजमोहल्ला झोन, हरसिद्धि झोन और विजयनगर झोन में सर्वाधिक शिकायतें जलजमाव की आती रहीं और कुछ लोग तो हवा बंगला झोनल कार्यालय पर पहुचंकर अफसरों को खरी-खोटी सुनाते रहे। उक्त क्षेत्र की दर्जनों अवैध कालोनियों में ड्रेनेज, सडक़ के पते नहीं हैं और ऐसे में वहां जलजमाव के कारण लोगों की हालत ज्यादा खराब हुई।
कमिश्नर मैदान में, लेकिन कई अफसर गायब ही रहे
कल कई क्षेत्रों में जलजमाव की शिकायतों के बाद निगम की टीमें तो एक्टिव थीं, लेकिन कई झोनल अधिकारियों के अते-पते नहीं थे। झोनलों पर शिकायतों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा था और सेट पर ही झोनल अधिकारी जानकारी लेकर मौके पर जाने से बचते रहे। वहीं कहीं ज्यादा जलजमाव वाले क्षेत्रों में निगम कमिश्नर शिवम वर्मा खुद अफसरों के साथ मौका निरीक्षण करने पहुंचे और टीमों को लगाकर वहां पानी निकासी के निर्देश दिए। इस बार भी सबसे ज्यादा जलजमाव कई क्षेत्रों में खस्ताहाल और टूटी ड्रेनेज लाइनों के कारण हुआ।