उज्जैन । कोरोना पॉजिटिव होकर मरने वाले लोगों के शव कोरोना प्रोटोकॉल के साथ चक्रतीर्थ/कब्रिस्तान भेजे जाते हैं। इसके लिए अप्रैल माह से ही जिला प्रशासन ने एक शव वाहन अलग से रखा है। यह शव वाहन अधिकांशत: आर डी गार्डी मेडिकल कॉलेज परिसर में ही खड़ा रहता है। नगर निगम के पास 4 शव वाहन है। इनमें से एक वाहन कोरोना के लिए देने के बाद शेष 3 वाहनों से शहरभर से आनेवाली सूचना पर वाहन भेजा जाता है।
आर डी गार्डी मेडिकल कॉलेज के डॉ.सुधाकर वैद्य के अनुसार हमारे यहां रोजाना कोरोना के शव वाहन को लेकर मारामारी रहती है। जिस दिन दो से तीन बॉडी रहती है, उस दिन परिजन परेशान होते हैं। डॉ. वैद्य ने बताया कि कल एक मौत अमलतास में और दो मौतें आर डी गार्डी मेडिकल कॉलेज में हुई। पहले अमलतास में मौत होने की सूचना आई। इसके चलते वहां शव वाहन रवाना हो गया। वहां से शव लेकर उज्जैन आया और प्रक्रिया पूरी करने के बाद वाहन आर डी गार्डी मेडिकल कॉलेज पहुंचा। वहां से दो शव ले जाना थे। ऐसे में परिजन परेशान होते रहे। पहले एक शव पहुंचाया, इसमें करीब दो घण्टे लगे। इसके बाद दूसरा शव पहुंचाया। उन्होने बताया कि पॉजिटिव मरीज निगेटिव्ह हो जाए,तब भी कोरोना का प्रोटोकॉल लागू रहता है। उन्होंने जिला प्रशासन से मांग की कि अतिरिक्त शव वाहन की व्यवस्था करवाएं।
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