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धर्मेंद्र का ये इमोशनल इंटरव्यू …बोले-चाहता हूं सनी-बॉबी मेरे पास बैठें…

November 19, 2025

मुंबई। धर्मेंद्र की तबीयत में सुधार है, यह जानकर उनके चाहने वाले खुश हैं। इस बीच इंटरनेट पर धर्मेंद्र का एक पुराना वीडियो वायरल (Dharmendra’s video goes viral) है जो लोगों का ध्यान खींच रहा है। इसमें वह बताते हैं कि सनी और बॉबी (Sunny and Bobby) उनसे डरते हैं। उनके पास बैठते नहीं, शूटिंग में बिजी रहते हैं। ऐसे में उन्हें अपने पिता की याद आती है जो उनसे कहते थे कि जल्दी घर आया करें। धर्मेंद्र ने मलाल जताया कि काश अपने पिता को दोस्त बनाया होता।

दिमाग में चलती थीं अप्सराएं
धर्मेंद्र का यह पुराना इंटरव्यू एशियन पेंट्स के यूट्यूब चैनल का है। उन्होंने बताया कि उनके पिता टीचर थे। वह चाहते थे कि धर्मेंद्र भी टीचर बनें। धर्मेंद्र बोले, मेरे तो दिमाग में दिलीप साब चल रहे थे। अप्सराएं मधुबाला, नरगिस। एक फिल्म में मैंने प्रोफेसर का रोल किया और बाबूजी से कहा कि इस फिल्म को देखना। वह बोले, ‘उल्लू के पट्ठे जो प्रोफेसर मैं बनाना चाह रहा हूं वो तू बना नहीं।’ वह खुश भी थे कि बेटे को ऐसा मकाम मिला है।



सनी-बॉबी नहीं बैठ पाते साथ

धर्मेंद्र आगे बताते हैं कि उनके पिता काफी स्टिक्ट थे उन पर पिता की ही छाप है। धर्मेंद्र बोले, सनी बॉबी भी वैसे ही मुझसे डरते हैं। चाहता हूं कि सनी-बॉबी मेरे पास बैठें, बात करें। आज मुझे लगता है कि बाऊजी मेरे दोस्त भी होते तो कितना अच्छा लगता है। हम कुछ चीजें याद करते हैं। दोस्ती हो जाना भी जरूरी होती है। मैं मिस करता हूं कि बेटे मेरे साथ कभी बैठते नहीं। आते हैं, पापा मैं चला, मैं शूटिंग पर जा रहा हूं। मैं भी ऐसे ही करता था।

मां भी करती थी इंतजार

धर्मेंद्र बोलते हैं,बाऊजी कभी-कभी गेट के पास वॉचमैन से बात कर रहे हैं या कभी छड़ी पर अपना माथा टिकाकर बैठे रहते थे। मैं सोचता क्या बाऊजी, क्या सोच रहे हो, कुछ चाहिए? वो कहते,’नहीं बेटे, नौकर-चाकर बंगला गाड़ियां सब कुछ तो है। क्या चाहिए मुझे, तुम बस जल्दी आ जाया करो शूटिंग से।’ थोड़ी देर मेरे पास बैठ जाया करो तो मैं गले लगाकर निकल जाता था। शाम को मैं लौटकर देखता तो मेरी मां थुड्डी पर हथेली रखे बैठी रहती थी। वो भी यही बात कहती थी।

मां-बाप चाहते हैं प्यार

धर्मेंद्र बोले, उन्हें हमारी कंपनी चाहिए थी। ऐसा लगता था कि वो हमसे वही लाड़ चाहते थे जो उन्होंने हम पर लुटाया है। हमारे अंदर एक बच्चा हाथ फैलाए खड़ा है। सीने से लगा लो। आज जो मुझे महसूस होता है, वो हर मां-बाप के दिल में होता है। धर्मेंद्र बोलते हैं कि आज जिस दर्द से मैं गुजर रहा हूं, उससे मेरे मां-बाप भी गुजरे होंगे, काश उसको तब मिटाया होता।

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