
सियोल। उत्तर कोरिया के तानाशाह (North Korean dictator) किम जोंग उन (Kim Jong Un) का गुस्सा एक बार फिर सुर्खियों में है। वजह है – देश का दूसरा अत्याधुनिक नेवी युद्धपोत (State-of-the-art Navy warships) लॉन्चिंग के दौरान बुरी तरह असफल हो गया। इसका वीडियो व सैटेलाइट इमेज दुनिया भर में वायरल हो गया है। अपनी ताकत का प्रदर्शन करने निकले उत्तर कोरिया (North Korean) को जब तकनीकी विफलता ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर शर्मिंदा किया, तो किम जोंग ने इस ‘अक्षम्य अपराध’ के लिए चार वरिष्ठ अधिकारियों को तुरंत हिरासत में लेने का आदेश दे दिया।
क्या है पूरा मामला?
बीते बुधवार को देश के उत्तर-पूर्वी बंदरगाह चोंगजिन में हुए एक लॉन्च समारोह के दौरान 5000 टन वजनी इस विध्वंसक पोत को जल में उतारने की कोशिश की जा रही थी। लेकिन उसी दौरान पोत के पिछले हिस्से पर लगा ट्रांसपोर्ट क्रैडल समय से पहले अलग हो गया, जिससे जहाज संतुलन खो बैठा और बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। सैटेलाइट तस्वीरों में जहाज को एक तरफ झुका हुआ और आंशिक रूप से पानी में डूबा देखा गया, जिस पर नीले रंग की चादरें डाली गई थीं। उत्तर कोरिया का दावा है कि जहाज की मरम्मत 10 दिनों में पूरी कर ली जाएगी, हालांकि अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ इस दावे पर संदेह जता रहे हैं।
उत्तर कोरिया की सरकारी एजेंसी KCNA के अनुसार, हिरासत में लिए गए अधिकारियों में सत्तारूढ़ वर्कर्स पार्टी की म्यूनिशन इंडस्ट्री डिपार्टमेंट के उप निदेशक री ह्योंग सोन, चोंगजिन शिपयार्ड के मुख्य इंजीनियर, हुल निर्माण वर्कशॉप के प्रमुख और प्रशासनिक मामलों के उप प्रबंधक के अलावा शिपयार्ड के प्रबंधक होंग किल हो को भी पूछताछ के लिए बुलाया गया है।
मिशन फेल की वजह
विशेषज्ञों का मानना है कि उत्तर कोरियाई इंजीनियर युद्धपोत को साइड-वे लॉन्चिंग की तकनीक से जल में उतारने के अनुभव में विफल रहे। साउथ कोरिया के डिफेंस नेटवर्क के विशेषज्ञ ली इल वू के अनुसार, जहाज के पिछले हिस्से में इंजनों में पानी भर गया है और उसके साइड पर छेद हो सकते हैं। विशेषज्ञ यह भी मान रहे हैं कि यदि उत्तर कोरिया विज्ञान व तकनीकी त्रुटियों को राजनीतिक अपराध मानकर सजा देना शुरू करता है, तो उसका दीर्घकालिक असर देश की रक्षा तकनीक पर पड़ेगा।
मिशन कितना अहम
इस विध्वंसक पोत को उत्तर कोरिया के पहले आधुनिक युद्धपोत के समकक्ष माना जा रहा था, जिसे किम जोंग उन ने हाल ही में पश्चिमी शिपयार्ड में लॉन्च किया था। इसे अमेरिकी दबाव के मुकाबले के लिए नौसैनिक ताकत को आधुनिक बनाने का प्रतीक बताया गया था। अब इस दूसरी कोशिश की असफलता किम जोंग उन के लिए राजनीतिक शर्मिंदगी बन गई है। फिर भी उन्होंने इसे सार्वजनिक कर यह संदेश देने की कोशिश की है कि वे नौसैनिक विकास के प्रति गंभीर हैं और किसी भी चूक को बर्दाश्त नहीं करेंगे।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved