
छतरपुर। बाबा बागेश्वर (Baba Bageshwar) बंगाल (Bangal) में कथा (Katha) करने नहीं जा रह हैं। इस पर उन्होंने बयान भी दिया है, जो सियासी गलियारों (Political Circles) में चर्चित हो रहा है। इसके कई मायने निकाले जाने लगे हैं। बता दें कि रायपुर के अवधपुरी मैदान, श्रीनगर रोड गुढ़ियारी में 4 से 8 सितंबर तक चल रही श्री हनुमत कथा के दौरान बागेश्वर धाम सरकार ने अपने प्रवचन में धर्म और सनातन पर बात रखी। बाबा ने कहा कि घंटी बजाना, पूजा करना और तिलक लगाना ही धर्म नहीं है, बल्कि अधर्म के खिलाफ आवाज उठाना भी धर्म है।
बाबा ने आगे पश्चिम बंगाल का जिक्र करते हुए कहा कि उन्हें वहां कथा के लिए जाना था, लेकिन ‘दीदी’ ने अनुमति नहीं दी। मुस्कुराते हुए बोले- समझ गए हम किसकी बात कर रहे हैं, नाम नहीं लेना चाहते। लो, परमिशन ही कैंसिल हो गई और दूसरी जगह परमीशन नहीं मिल रही। जहां थी, वहां पानी भर गया। किसी ने कहा अब क्या कहोगे, हमने कहा थैंक्यू बोल दो। इसका मतलब ये नहीं कि हम कार्य छोड़ देंगे। दीदी जब तक हैं तब तक नहीं जाएंगे, दादा जब आएंगे तब जाएंगे।
बाबा ने यह भी जोड़ा कि भगवान करे दीदी बनी रहें, हमें उनसे कोई दिक्कत नहीं लेकिन बुद्धि ठीक रखे, धर्म के खिलाफ न जाएं। हम किसी राजनीति के पक्ष या विरोध में नहीं हैं, हम केवल सनातन और हिंदुत्व के पक्ष में हैं और रहेंगे। जानकारी के मुताबिक, 10 से 12 अक्टूबर को कोलकाता में श्री हनुमान चरित्र पर कथा प्रस्तावित थी, जो अब स्थगित कर दी गई है। इसका कारण अत्यधिक वर्षा और प्रशासनिक अनुमति न मिलना बताया जा रहा है।
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