
खरगोन। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) शनिवार देर शाम खरगोन पहुंचे। इस दौरान वे विधायक केदार सिंह डावर के गृहग्राम सांघवी में होने वाले इंदल समारोह में शामिल हुए। वहीं, मीडिया से चर्चा के दौरान उन्होंने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी (Jitu Patwari) के वरिष्ठ पदाधिकारियों से सामंजस्य नहीं बैठा पाने की अटकलों को गलत बताया। साथ ही दिल्ली विधानसभा चुनाव और प्रयागराज कुंभ में जाने के साथ ही भोपाल गैस कांड (Bhopal Gas Tragedy) पर भी खुलकर बात की। इस दौरान उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव के ट्वीट कर उठाए 10 सवालों पर सीएम डॉ. मोहन यादव (CM Mohan Yadav) को ध्यान देने की सलाह भी दे डाली।
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों पर कहा कि कांग्रेस हर चुनाव मजबूती और विचारधारा के आधार पर लड़ती है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने अपने वक्तव्यों में सब कुछ स्पष्ट कर दिया है, जिसका असर भी हो रहा है। प्रयागराज कुंभ में उनके या राहुल और प्रियंका गांधी के जाने के सवाल पर दिग्विजय ने कहा कि यह हर व्यक्ति की अपनी-अपनी आस्था का प्रश्न है।
भोपाल गैस कांड से जुड़े जहरीले कचरे को लेकर दिग्विजय सिंह ने कहा कि राज्य सरकार को हर परिस्थिति की जांच के बाद ही निर्णय लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि भोपाल के जहरीले कचरे को पीथमपुर में डालने का औचित्य समझ में नहीं आता।
सौरभ शर्मा से जुड़े मामले पर उन्होंने कहा कि वह एक मामूली सिपाही था, लेकिन बताया जा रहा है कि पकड़ा गया सारा सोना और 23 करोड़ रुपए नकद उसका था। इस मामले में तीन एजेंसियां, केंद्र और राज्य सरकार भी उसे ढूंढने का प्रयास कर रही हैं, लेकिन अब तक असफल रही हैं। उन्होंने कहा कि अरुण यादव ने इससे जुड़े 10 सवाल मुख्यमंत्री से पूछे हैं, जिनका उन्हें जवाब देना चाहिए।
दिग्विजय सिंह ने बीटी कॉटन से जुड़ी शिकायत का जिक्र करते हुए कहा कि केंद्रीय मंत्री विजय गोयल का पत्र उन्हें प्राप्त हुआ था, जिसमें ऑर्गेनिक कॉटन स्कैम की शिकायतें थीं। उन्होंने इस घोटाले को बहुत बड़ा बताया और कहा कि इसने न केवल मध्यप्रदेश, बल्कि पूरे देश को अंतरराष्ट्रीय बाजार में बदनाम किया है। उन्होंने कहा कि खरगोन में कोई ऑर्गेनिक कॉटन की खेती नहीं करता, फिर भी झूठे मामले बनाए गए और सब्सिडी ली गई। इसका नतीजा यह हुआ कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को ब्लैकलिस्ट किया गया।
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