
उत्तरकाशी: उत्तराखंड (Uttarakhand) में लगातार हो रही बारिश (Rain) ने हालात बिगाड़ दिए हैं. उत्तरकाशी जिले (Uttarkashi District) के स्यानाचट्टी में बरसाती नाले कुपडागाड़ से आए मलबे ने यमुना नदी (Yamuna River) का प्रवाह रोक दिया. इससे इलाके में अस्थायी झील बन गई. पानी तेजी से भरने के बाद आसपास के होटल और घर खाली कराए गए. वहीं, चमोली जिले के थराली कस्बे में शनिवार रात हुई मूसलाधार बारिश से भीषण बाढ़ आ गई. बहकर आया मलबा घरों और बाजारों में घुस गया. बारिश इतनी तेज थी कि आमतौर पर सूखी रहने वाली नहर भी उफान पर आ गई. किनारे टूटने के बाद बाढ़ का पानी और मलबा रिहायशी इलाकों में भर गया और फिर पिंडर नदी में जा मिला.
स्थानीय लोगों का कहना है कि पानी इतनी तेज़ी से भरा कि किसी को संभलने का मौका नहीं मिला. दुकानदार और होटल संचालक अपने जरूरी कागज, सामान और बिस्तर तक नहीं बचा पाए. चश्मदीदों के मुताबिक करीब 10 मिनट के भीतर पूरी स्यानाचट्टी जलमग्न हो गई.
उत्तराखंड सरकार के आपदा प्रबंधन सचिव ने बताया कि स्यानाचट्टी में मलबा आने से नदी का प्रवाह रुक गया था. जिलाधिकारी और विशेषज्ञ टीम मौके पर मौजूद रही. डाउनवर्ड साइड पर कई जगह ब्लास्टिंग की गई, जिससे पानी का स्तर करीब चार फुट घटा और पुल पर बह रहा पानी भी कम हुआ. हालांकि ऊपर से लगातार मलबा आने के कारण चुनौती बनी रही. रात में बारिश कम होने से हालात सुधरे हैं और पानी का स्तर और तीन फुट कम हुआ है.
जिलाधिकारी ने बताया कि हमारे प्रयासों का नतीजा यह रहा कि रात तक पुल चालू हो गया और वाहनों की आवाजाही शुरू हो गई है. फिलहाल नुकसान का आकलन किया जा रहा है, जिसमें घरों, होटलों और सामान की क्षति शामिल है. सड़क संपर्क बहाल होने के बावजूद आसपास के कई गांव अब भी प्रभावित हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि कई इलाकों से संपर्क टूटा हुआ है. अब तक 40 से ज्यादा घरों और होटलों से करीब 300 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है.
उत्तराखंड के मुख्य सचिव ने बताया कि थराली में सुबह लैंडस्लाइड और मडस्लाइड की घटना हुई थी. हमारी टीमें तुरंत मौके पर पहुंच गई हैं. SDRF, लोकल पुलिस, DDRF और तहसील प्रशासन वहां मौजूद हैं. मलबा हटाने के लिए पांच जेसीबी लगी हुई हैं. अब तक मिली जानकारी के मुताबिक दो लोग मलबे में दबे, जिनमें से एक लड़की का शव बरामद हुआ है. खाने-पीने की सामग्री पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है और डेंजर ज़ोन में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है.
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