
इंदौर। हाल ही में 50 लाख रुपए की रिश्वतखोरी के खुलासे के बाद भी प्रशासनिक अमले की मनमानी नहीं थमी है। नामांकन, बंटांकन, सीमांकन तक के प्रकरणों मे एवजियों का बोलबाला है, वहीं जाति प्रमाण पत्र को लेकर सामने आई बड़ी खामी भी आलाधिकारियों को नहीं चेता रही है। कलेक्टोरेट कार्यालय में तहसीलदार से लेकर एसडीएम तक निजी आपरेटर रख रहे हैं।
नायब तहसीलदार व पटवारी द्वारा 50 लाख रुपए की रिश्वत को लेकर हुए खुलासे के बाद आवेदकों ने उम्मीद लगाई थी कि अब एवजियों के माध्यम से किए जा रहे कामों पर भी रोक लगेगी, लेकिन प्रशासन के आलाधिकारी मिल रही शिकायतों के बावजूद भी होश में नहीं आ रहे हैं। हाल ही में नायब तहसीलदार नागेंद्र त्रिपाठी ने गुस्से में आकर महिला एसडीएम को देख लेने तक की धमकी दे डाली। फिर भी प्रशासन कार्रवाई के मूड में नहीं आ रहा है। हाल ही में हुई घटना के बाद विभागीय सूत्रों ने बताया कि तहसीलदार से लेकर पूर्व एसडीएम तक अपने निजी आपरेटर तैनात रखते आए है। पूर्व में राऊ तहसील कार्यालय सहित एसडीएम कार्यालय में निजी आपरेटर और एवजियों के बोलबाले को लेकर कलेक्टर तक शिकायत गई थी, जिसके बाद एसडीएम का तबादला हो गया, लेकिन यह प्रथा खत्म नहीं हुई।
कलेक्टर की नहीं जा रही नजर
हाल ही में बड़े स्तर पर किए गए बाबुओं के तबादले के बाद चर्चा का दौर चल उठा है कि अधिकारी जाति प्रमाण पत्र से लेकर नामांकन, बंटांकन, सीमांकन के प्रकरणों के निपटान के लिए दस हजार से लेकर मुंहमांगी रकम वसूल रहे हैं, वहीं विवादित प्रकरणों को निपटाने के लिए बड़ी-बड़ी राशि लेकर समझौते कराए जा रहे हैं। ऐसे में कलेक्टर की नजर विभागों पर चल रही इस कारास्तानी पर क्यों नहीं, इस पर भी सवालिया निशान लग रहे हैं। हालांकि कलेक्टर ने हाल ही में टीएल बैठक के दौरान उक्त प्रकरण का हवाला देेते हुए अधिकारी को कड़वी घुट्टी पिलाई थी।
तहसीलों में सरकारी कर्मचारी बनकर बैठे
तहसील बिचौली, कनाडिय़ा, खुड़ैल, जूनी इंदौर में इन दिनों सबसे ज्यादा एवजी देखे जा रहे हैं। कई तहसीलों मे तो सरकारी आपरेटरों के साथ सहायक बनकर बैठ रहे निजी आपरेटर बड़ी-बड़ी डील करा रहे हैं। इन तहसीलों में जहां एवजी कर्मचारी खुलेआम देखे जा सकते हैं, वहीं पूर्व एसडीएम राऊ द्वरा रखे निजी आपरेटरों को लेकर भी प्रशासनिक संकुल में चर्चा का दौर चल रहा है। विभागीय सूत्रों ने बताया कि जहां-जहां एसडीएम जाते हैं, वहां-वहां निजी आपरेटर तैनात नजर आता है। ज्ञात हो कि हाल ही में सीएम द्वारा मानिटरिंग में रखे गए प्रकरणों के साथ सीएस द्वारा लम्बित प्रकरणों पर मानिटरिंग की गई थी, जिसमें 350 से ज्यादा प्रकरणों पर संज्ञान लेते हुए समीक्षा भी की थी।
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