img-fluid

बिहारः सीट शेयरिंग को लेकर महागठबंधन में मंथन शुरू, RJD ने की 25 सीटों की डिमांड

July 10, 2025

नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Alections) में बमुश्किल 4 महीने का वक्त बचा है और उससे पहले दोनों गठबंधन (Both Alliances) सीट शेयरिंग (Seat Sharing) फाइनल कर लेना चाहते हैं। सत्ताधारी भाजपा-जेडीयू गठबंधन में इसे लेकर चर्चाएं शुरू हैं तो वहीं आरजेडी और कांग्रेस (RJD and Congress) के नेतृत्व वाले INDIA में सीट बंटवारे को लेकर तेजी दिख रही है। अलायंस पार्टनर चाहते हैं कि समय रहते सीटें फाइनल कर ली जाएं ताकि प्रचार में तेजी रहे और संबंधित दलों के नेता अपनी दावेदारी भी मजबूत कर सकें। हालांकि महागठबंधन में कांग्रेस को त्याग के लिए राजी करने की कोशिश है, जो थोड़ा मुश्किल होगा। इसकी वजह यह है कि आरजेडी और महागठबंधन के अन्य दल चाहते हैं कि यादव और मुस्लिम से आगे भी एक मजबूत सामाजिक समीकरण बन जाए।


इसके लिए यह जरूरी है कि कुछ नए साथियों को भी गठबंधन में मौका मिले। आरजेडी की चिंता यह है कि उसका वोटबैंक पूरी तरह यादव-मुस्लिम गठजोड़ पर टिक गया है। ऐसे में इस बार कोशिश है कि मुकेश सहनी का पार्टी वीआईपी को मौका दिया जाए और झारखंड में सरकार चला रही झामुमो को भी कुछ सीटें दी जाएं। इसके अलावा वामपंथी दल सीपीआई-एमएल भी गठबंधन में रहेगी, जिसका कई दलों में प्रभाव है। हालांकि इस कोशिश को सफल बनाने के लिए कांग्रेस को त्याग के लिए कहा जा सकता है। इसका कारण भी है क्योंकि 2020 के चुनाव में कांग्रेस ने 70 सीटों पर कैंडिडेट उतारे थे, लेकिन महज 17 पर जीत हासिल की थी।

क्या कांग्रेस के बोझ से दबा महागठबंधन, 2020 के नतीजों से उठा था सवाल
चुनाव विश्लेषकों का कहना था कि कांग्रेस के बोझ से गठबंधन दब गया और उसे नुकसान हुआ है। इस बार चर्चा है कि कांग्रेस को 45 से 50 सीटों पर ही राजी करने की कोशिश होगी। आरजेडी से जुड़े एक सूत्र ने कहा, ‘INDIA ब्लॉक के साथी दलों ने एक-दूसरे को अपनी इच्छा जाहिर कर दी है। हमारी कोशिश है कि अलग-अलग सामाजिक वर्गों को साथ लिया जाए।’ दरअसल कांग्रेस को लेकर चिंता यह है कि अब अपर कास्ट उसके साथ पहले की तरह नहीं है, जबकि जिस ओबीसी, ईबीसी और अल्पसंख्यक को वह साथ लाने के लिए आक्रामक है, उसकी राजनीति तो आरजेडी ही कर रही है। ऐसे में कांग्रेस से फायदा मिलने को लेकर चिंता है कि उससे कितनी बढ़त मिलेगी।

कांग्रेस के हिस्से की सीटें इन दलों को देने की है तैयारी
यही कारण है कि कांग्रेस की जगह झामुमो, सीपीआई-एल और वीआईपी को कुछ सीटें दी जा सकती हैं। ये सीटें कांग्रेस कोटे की ही होंगी और कैसे इसके लिए उसे राजी किया जाए, यही आरजेडी की चिंता है। मुकेश सहनी की 10 सीटों की डिमांड है, जिन्होंने पिछली बार 4 सीटों पर जीत हासिल की थी। इसके अलावा पशुपति पारस को भी साथ लाने की कोशिश है ताकि कुछ दलित वोट हासिल हो जाए। हालांकि एनडीए के पास इस वोटबैंक के मामले में बढ़त दिख रही है। उसके साथ चिराग पासवान और जीतनराम मांझी जैसे नेता हैं।

CPI-ML की डिमांड- हमें ज्यादा सीटें दें, स्ट्राइक रेट बेहतर है
सीपीआई-एमएल ने पिछली बार 19 सीटें लड़ी थीं और 12 पर जीत हासिल की थी। इस बार उसकी डिमांड 30 सीटों की है। उसका कहना है कि हमारी वोट ट्रांसफर की क्षमता अधिक है। बता दें कि आरजेडी बीते दो चुनावों से 75 से 80 के आंकड़े के बीच ठहर जाती है। इस बार वह चाहती है कि कुछ अधिक सीटें हासिल हो जाएं ताकि वह सरकार बनाने के करीब रहे। पिछली बार वह खुद सबसे बड़ा दल थी, लेकिन उसका गठबंधन पीछे रह गया था।

Share:

  • वायुसेना के जगुआर लड़ाकू विमान को माना जाता है बेहद सुरक्षित, जाने प्लेन क्रैश पर क्या बोले विशेषज्ञ?

    Thu Jul 10 , 2025
    नई दिल्‍ली । वायुसेना (Air Force) का एक लड़ाकू विमान (fighter aircraft) बुधवार को राजस्थान (Rajasthan) के चुरू जिले (Churu district) में दुर्घटनाग्रस्त (crashed) हो गया। विमान नियमित प्रशिक्षण उड़ान पर था, जिस कारण उसमें एक पायलट और एक प्रशिक्षु पायलट मौजूद थे। वायुसेना के प्रवक्ता ने कहा कि हादसे में दोनों पायलट की मौत […]
    सम्बंधित ख़बरें
    लेटेस्ट
    खरी-खरी
    का राशिफल
    जीवनशैली
    मनोरंजन
    अभी-अभी
  • Archives

  • ©2025 Agnibaan , All Rights Reserved