
नई दिल्ली । संसद (Parliament)के मॉनसून सत्र (Monsoon Session)के दौरान लोकसभा(Lok Sabha) में पहलगाम आतंकी हमले(Pahalgam terror attack) और ऑपरेशन सिंदूर(Operation Sindoor) पर आज चर्चा होगी। इसके मद्देनजर कांग्रेस ने अपने सांसदों को व्हिप जारी किया है। इसमें सोमवार से तीन दिनों तक सदन में उपस्थित रहने को कहा गया है। सूत्रों ने बताया कि चर्चा के पहले दिन सदन में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई विपक्षी दल का नेतृत्व करेंगे। सत्तारूढ़ गठबंधन और विपक्ष राष्ट्रीय सुरक्षा व विदेश नीति से जुड़े मुद्दों पर आमने-सामने होने के लिए तैयार हैं। भाजपा के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) और विपक्षी दलों की ओर से लोकसभा व राज्यसभा में चर्चा के दौरान अपने शीर्ष नेताओं को मैदान में उतारने की उम्मीद है।
सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर इन मुद्दों पर बोलेंगे। ऐसे संकेत हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आतंकवाद के खिलाफ अपनी सरकार के मजबूत रुख से अवगत कराने के लिए हस्तक्षेप कर सकते हैं। संसद के मॉनसून सत्र का पहला सप्ताह हंगामे की भेंट चढ़ गया। अब लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे, समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव व अन्य नेताओं के साथ मिलकर सरकार को घेरेंगे।
ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के लिए सहमत
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने 25 जुलाई को कहा था कि विपक्ष सोमवार को लोकसभा में और मंगलवार को राज्यसभा में पहलगाम हमले व ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा शुरू करने पर सहमत हो गया है। दोनों पक्षों ने प्रत्येक सदन में 16 घंटे की बहस पर सहमति व्यक्त की है, जो सामान्य समय से अधिक होती है। अनुराग ठाकुर, सुधांशु त्रिवेदी और निशिकांत दुबे जैसे नेताओं के अलावा, सत्तारूढ़ राजग की ओर से उन 7 बहुदलीय प्रतिनिधिमंडलों के सदस्यों को भी मैदान में उतारे जाने की उम्मीद है, जो ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत का पक्ष रखने के लिए 30 से अधिक देशों की यात्रा कर चुके हैं। इनमें शिवसेना के श्रीकांत शिंदे, जनता दल यूनाइटेड के संजय झा और तेलुगु देशम पार्टी के हरीश बालयोगी शामिल हैं।
शशि थरूर पर भी होंगी नजरें
हालांकि, अब भी बड़ा सवाल है कि क्या शशि थरूर को कांग्रेस की ओर से वक्ता के रूप में चुना जाएगा। थरूर ने ऑपरेशन सिंदूर पर भारत का पक्ष रखने के लिए अमेरिका सहित अन्य देशों में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया था। थरूर ने आतंकवादी हमले के बाद सरकार की कार्रवाई का उत्साहपूर्वक समर्थन किया, जिससे उनके अपनी पार्टी से संबंध खराब हो गए हैं। विपक्षी दल 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के पीछे खुफिया चूक और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम कराने का दावा किए जाने के मुद्दे पर सरकार को घेरने की तैयारी कर रहे हैं। पहलगाम हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें से अधिकतर पर्यटक थे।
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