
नई दिल्ली । शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी (Shiv Sena (UBT) MP Priyanka Chaturvedi) ने कहा कि वंदे मातरम पर चर्चा (Discussion on Vande Mataram) देशहित में होनी चाहिए (Should be in the interest of the Country) न कि राजनीति के हित में (Not in the interest of Politics) ।
नई दिल्ली में प्रियंका चतुर्वेदी ने मीडिया से कहा, “मैं वंदे मातरम पर चर्चा का स्वागत करती हूं। यह हमारे इतिहास का हिस्सा है, जो हमारी संस्कृति से गहराई से जुड़ा हुआ है। यह वह इतिहास है जिसमें सभी भारतीय देश से अंग्रेजों को भगाने के लिए एकजुट हुए थे। इसलिए आज की चर्चा देश के हित में होनी चाहिए, न कि राजनीतिक फायदे के लिए। राजनीति को दूसरी ओर रखकर वंदे मातरम पर चर्चा होनी चाहिए।”
इंडिगो फ्लाइट में देरी और कैंसिलेशन पर शिवसेना (यूबीटी) सांसद ने कहा कि कारण कौन बताएगा? जो लोग आपको कभी कोई कारण नहीं बताते थे, वे अब यह समझाने की कोशिश करेंगे कि नियमों का पालन क्यों नहीं किया जा रहा था। जब दूसरी एयरलाइंस नियमों का पालन कर रही थीं तो इंडिगो को छूट क्यों दी गई? ऐसा लगता है कि पूरी सरकार इंडिगो की जेब में है और यह साबित हो गया है कि जैसे ही फ्लाइट्स ने उड़ान भरना बंद किया या कैंसिल हुईं, उन्होंने मौजूदा नियमों और कानूनों का उल्लंघन किया। मेरा मानना है कि यह लंबे समय से चल रहा है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने उन्हें मनमानी करने की इजाजत क्यों दी? डीजीसीए अधिकारियों को जवाबदेह क्यों नहीं ठहराया गया? अब सिर्फ एक कारण बताओ नोटिस जारी किया जा रहा है। अब सवाल जवाब का क्या मतलब है। इतने दिनों से कहां थे। उन पर एक्शन होना चाहिए।
गोवा क्लब में आग लगने की घटना पर प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई और कुछ लोगों को नौकरी से निकाल दिया गया, लेकिन 25 लोगों की जान जाने का जवाब कौन देगा? यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि लोगों को लाइसेंस दिए जाते हैं, फिर भी वे बिना किसी डर या झिझक के नियमों का उल्लंघन करते हैं। कोई सेफ्टी ऑडिट नहीं होता है और लाइसेंस अक्सर भ्रष्टाचार से हासिल किए जाते हैं। ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए ग्राहकों की सुरक्षा को नजरअंदाज किया जाता है। यह हमारी एयरलाइंस, रेस्टोरेंट और पूरे देश में, टेलीकॉम से लेकर एयरपोर्ट तक हो रहा है। खासकर गोवा की घटना के बाद पूरी तरह से सेफ्टी ऑडिट होने चाहिए। सभी राज्य सरकार से कहना चाहूंगी की सेफ्टी ऑडिट होना चाहिए। कानून का सख्ती से पालन होना चाहिए।
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