
नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने गुरुवार को संसद (Parliament) के बजट सत्र (Budget Session) के दौरान राज्यसभा (Rajya Sabha) में चीन से जारी गतिरोध पर बयान दिया। रक्षा मंत्री का बयान ऐसे समय आया है जब चीन ने यह दावा किया कि वास्तविक नियंत्रण रेखा के कुछ हिस्सों से डिसएंगेजमेंट शुरू हो गई है। राज्यसभा में राजनाथ ने सदन को जानकारी दी कि इस बातचीत में हमने कुछ भी खोया नहीं है। दोनों पक्ष पूर्ण डिसएंगेजमेंट को लेकर सहमत हैं।
राजनाथ ने कहा- पूर्वी लद्दाख में LAC के पास कई अंश क्षेत्र बने हैं। चीन ने एलएसी और पास के इलाके में अपनी तरफ से भारी बल और हथियार और गोला-बारूद इकट्ठा कर लिया है। हमारे बलों ने भी पर्याप्त और प्रभावी ढंग से काउंटर पर तैनाती की है। उन्होंने कहा कि हम पैंगोंग झील के उत्तर-दक्षिण किनारे पर बातचीत शुरू कर चुके हैं। एलएसी पर तैनाती के कुछ मुद्दों को अभी तक सुलझाया नहीं जा सका है। दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि जल्द से जल्द पूरी डिसएंगेजमेंट हो जाएगी।
रक्षा मंत्री ने कहा कि चीन के साथ हमारी निरंतर वार्ता से पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिण तट पर डिसएंगेजमेंट पर समझौता हुआ है। इस समझौते के बाद, भारत-चीन चरणबद्ध तरीके से आगे की तैनाती को हटाएंगे। राजनाथ ने कहा कि चीन को इस बात से अवगत होना चाहिए कि दोनों देशों के रिश्ते तीन अहम सूत्र पर टिके हैं। पहला- दोनों पक्षों द्वारा एलएसी को माना जाए और उसका सम्मान किया, दूसरा- कोई भी पक्ष एकतरफा बदलाव का प्रयास ना करे और तीसरा- दोनों पक्षों द्वारा सभी समझौतों का पूर्ण रूप से पालन हो।
10 महीने से जारी गतिरोध को लेकर राज्यसभा में राजनाथ ने कहा कि हम नियंत्रण रेखा पर शांतिपूर्ण स्थिति बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। भारत ने हमेशा द्विपक्षीय संबंधों को बनाए रखने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत ने चीन को हमेशा यह कहा है दोनों देशों के प्रयास से ही द्विपक्षीय संबंध सुधर सकते हैं। LAC पर किसी भी तरह की शांति और स्थिरता में प्रतिकूल स्थिति का हमारे रिश्तों पर भी असर पड़ता है। रक्षा मंत्री ने स्पष्ट कहा कि एलएसी के सभी सेक्शन प्वाइंट्स पर डिसएंगेजमेंट होनी चाहिए ताकि शांति और स्थिरता दोबारा कायम हो सके।
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