
भोपाल। देश में चर्चित सिंधिया परिवार (Scindia family) की 40,000 करोड़ की संपत्ति पर चल रहे विवाद पर अब समाधान की उम्मीद जागी है। मप्र हाई कोर्ट ग्वालियर की एकलपीठ ने ज्योतिरादित्य और उनकी तीनों बुआओं को आपसी सहमति से विवाद सुलझाने का आदेश दिया है। कोर्ट ने मामले को सुलझाने के लिए 90 दिन का समय दिया है।
बता दें कि पिछले 15 साल से सिंधिया राजघराने में तीन बुआओं वसुंधरा राजे, यशोधरा राजे, उषा राजे और भतीजे केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच संपत्ति चल रहा है। 2010 में उषा राजे, वसुंधरा राजे और यशोधरा राजे ने भतीजे ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ वाद पत्र दायर किया था। उनका कहना था कि पिता की संपत्ति में बेटियों का भी बराबर का अधिकार है और उन्हें हिस्सा दिया जाए। इस पर ज्योतिरादित्य ने भी दावा पेश किया था। दोनों मामले जिला न्यायालय में लंबित रहे। बाद में ये मामला हाई कोर्ट पहुंचा और 2017 से सिविल रिवीजन लंबित थी।
संपत्ति विवाद के दावे में कुल 28 पक्षकार बनाए गए हैं। इनमें सिंधिया परिवार के 13 ट्रस्ट शामिल हैं, क्योंकि इन ट्रस्टों के नाम करोड़ों की संपत्तियां दर्ज हैं। इनमें सिंधिया पार्टीज एंड सर्विसेज, कृष्णाराम और बलदेव इन्वेस्टमेंट कंपनी और जयविलास ट्रस्ट प्रमुख हैं। इनके अलावा ज्योतिरादित्य सिंधिया, माधवी राजे सिंधिया, प्रियदर्शनी राजे सिंधिया और चित्रांग्दा राजे को भी पक्षकार बनाया है।
40000 करोड़ की प्रॉपर्टी में कई पैलेस हैं। सिंधिया परिवार के पास सबसे बड़ी संपत्ति 12.40 लाख वर्ग फीट में बना जय विलास पैलेस है, जिसकी कीमत 10000 करोड़ है। इनमें 400 कमरे हैं। 1874 में बने इस पैलेस की उस समय लागत 99 लाख रुपए थी।
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