
सतारा: आज के दौर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) और डीपफेक (Deepfake) जैसी तकनीकें बहुत तेज़ी से बढ़ रही हैं. जहां इनका उपयोग कई अच्छे कामों के लिए किया जा रहा है, वहीं कुछ लोग इसका गलत फायदा भी उठा रहे हैं. महाराष्ट्र के सतारा जिले (Satara District) के कराड शहर से ऐसा ही एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक महिला डॉक्टर (Female Doctor) और कुछ अन्य लोगों की इज्जत को ठेस पहुंचाने के लिए फर्जी अश्लील वीडियो (Fake Pornographic Videos) बनाए गए.
20 मई की रात एक युवती को एक अनजान शख्स ने व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ लिया. देखते ही देखते उस ग्रुप में 26 और लोग शामिल हो गए. उसी रात ग्रुप पर एक अश्लील वीडियो डाला गया, जिसमें एक महिला डॉक्टर और एक अन्य पुरुष डॉक्टर की छवि को डीपफेक तकनीक से जोड़ा गया था. दोनों की असली फोटो लेकर वीडियो में अश्लील दृश्य जोड़ दिए गए. यही नहीं, एक और वीडियो में शिकायतकर्ता युवती को एक युवक के साथ दिखाया गया, जो पूरी तरह नकली था.
वीडियो को ज्यादा असली दिखाने के लिए उसमें अश्लील टेक्स्ट और नकली आवाज़ें भी शामिल की गईं. यानी सिर्फ चेहरे नहीं बदले गए, बल्कि पूरी तरह से ऐसा माहौल बनाया गया कि देखने वाले को लगे यह असली वीडियो है. इस शर्मनाक हरकत ने महिला की मानसिक हालत पर भी असर डाला. जांच में पता चला कि इस पूरी साजिश के पीछे एक डॉक्टर ही मास्टरमाइंड हो सकता है. कराड शहर की पुलिस ने इस मामले में एक डॉक्टर और पंजाब के एक व्यक्ति के खिलाफ केस दर्ज किया है. पंजाब से जुड़े आरोपी ने पुलिस को बताया कि कराड के एक व्यक्ति ने ही उसे पैसे देकर वीडियो बनवाने को कहा था.
इस मामले की जांच करते हुए पुलिस ने आरोपी से जुड़ी डिजिटल सामग्री भी जब्त की है. सबूतों के आधार पर पुलिस मामले को सुलझाने में लगी है और जल्द ही बाकी आरोपियों की भी पहचान हो सकती है. यह घटना सिर्फ एक महिला डॉक्टर की नहीं, बल्कि हर उस इंसान के लिए चेतावनी है, जो सोशल मीडिया और इंटरनेट का इस्तेमाल करता है. डीपफेक जैसी तकनीकें अब किसी की भी छवि को खराब कर सकती हैं. यह मामला बताता है कि हमें इंटरनेट पर अपनी सुरक्षा को गंभीरता से लेना होगा.
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