
वाशिंगटन। यूक्रेन में युद्ध (Ukraine war) खत्म करने के लिए अमेरिका और रूस (America and Russia) के बीच हुई वार्ता के बाद, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (US President Donald Trump) ने विश्वास जताया कि रूस (Russia) संघर्ष को खत्म करना चाहता है और इसके साथ ही उन्होंने युद्ध में यूक्रेन, रूस और उत्तर कोरियाई सैनिकों की हुई क्षति का हवाला दिया। इस दौरान उन्होंने इस युद्ध को बेतुका बताया और इस बात पर जोर दिया कि ऐसा कभी नहीं होना चाहिए था, उन्होंने जोर देकर कहा कि उनके नेतृत्व में ऐसा नहीं होता।
बातचीत बहुत अच्छी रही- डोनाल्ड ट्रंप
वहीं युद्ध खत्म करने के लिए अमेरिकी अधिकारियों और रूसी प्रतिनिधियों के बीच वार्ता के बारे में पूछे जाने पर, ट्रंप ने कहा कि वह बहुत अधिक आश्वस्त हैं और बातचीत बहुत अच्छी रही। मंगलवार को मार-ए-लागो में कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर करते हुए, ट्रंप ने कहा, ‘रूस कुछ करना चाहता है। वे वहां चल रही बर्बरता को रोकना चाहते हैं। हर हफ्ते हजारों सैनिक मारे जा रहे हैं। रूसी और यूक्रेनी सैनिकों के अलावा, बहुत सारे कोरियाई मारे गए हैं।’
रूस और अमेरिका के विदेश मंत्रियों की बैठक
बता दें कि, रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने मंगलवार को अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो और अन्य अधिकारियों के साथ बातचीत की, जिसमें यूक्रेन की स्थिति समेत कई मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया गया, जिसमें दोनों पक्षों ने संघर्ष को हल करने और इसके मूल कारणों को हल करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की। इस मामले में अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने मंगलवार को कहा कि सऊदी अरब में चार घंटे से अधिक की बातचीत के बाद, अमेरिका और रूस चार प्रमुख सिद्धांतों पर सहमत हुए। इनमें एक उच्च-स्तरीय टीम की नियुक्ति शामिल है जो ‘यूक्रेन में संघर्ष को खत्म करने के लिए बातचीत और काम करने में मदद करेगी, इस तरह से कि ‘ये सभी पक्षों को स्वीकार्य हो’।
दोनों पक्ष इन लक्ष्यों पर आगे बढ़ने पर हुए सहमत
बैठक के बाद अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि दोनों पक्ष मोटे तौर पर तीन लक्ष्यों को आगे बढ़ाने पर सहमत हुए हैं – वाशिंगटन और मॉस्को में अपने-अपने दूतावासों में कर्मचारियों की संख्या बहाल करना, यूक्रेन शांति वार्ता का समर्थन करने के लिए एक उच्च स्तरीय टीम बनाना और करीबी संबंधों और आर्थिक सहयोग की तलाश करना। हालांकि, उन्होंने जोर देकर कहा कि वार्ता – जिसमें उनके रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव और अन्य वरिष्ठ रूसी और अमेरिकी अधिकारी शामिल हुए – ने बातचीत की शुरुआत की, और इस पर और काम किए जाने की जरूरत है। लावरोव ने रुबियो की टिप्पणियों को दोहराया और कहा कि ‘बातचीत बहुत उपयोगी थी’।
बिना भागीदारी के कोई भी समझौता अस्वीकार्य- जेलेंस्की
हालांकि, यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की जो चर्चा का हिस्सा नहीं थे, उन्होंने कहा कि यूक्रेन ‘रूस के अल्टीमेटम के आगे नहीं झुकेगा’ और इस बात पर जोर दिया कि वह यूक्रेन की भागीदारी के बिना किए गए किसी भी समझौते पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर देंगे। एक्स पर एक पोस्ट में, रूसी विदेश मंत्रालय ने लिखा, ‘विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और राष्ट्रपति के सहायक यूरी उशाकोव ने विदेश मंत्री मार्को रूबियो, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइकल वॉल्ट्ज और मध्य पूर्व में अमेरिका के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ के साथ बातचीत की। दोनों पक्षों ने रूस-यूएस संवाद स्थापित करने पर सहमति जताई।’
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