
सरकारी जमीन पर कब्जे को लेकर कल भिड़े थे दो पड़ोसी…आज सुबह-सुबह वारदात को दिया अंजाम…
चंदननगर थाना क्षेत्र के धार रोड पर हुई वारदात, पुलिस ने कुछ संदिग्धों को पकड़ा
इंदौर। चंदन नगर थाना क्षेत्र (Chandan Nagar Police Station Area) स्थित एक सरकारी जमीन (Government Land) पर कब्जा करने वाले आपस में भिड़ गए। कल दिनभर यह विवाद चलता रहा। पुलिस ने थोड़ी ढील क्या दी, एक पक्ष ने सो रहे दूसरे पक्ष के घर में घुसकर दोहरे हत्याकांड को अंजाम दे दिया। एक महिला भी अधमरी हालत में अस्पताल (Hospital) में भर्ती है। पुलिस ने कुछ संदिग्धों को गिरफ्तार करने की बात कही।
चंदन नगर थाना ((Chandan Nagar Station) प्रभारी योगेशसिंह तोमर ने बताया कि धार रोड (Dhar Road) स्थित ग्रीन पार्क कॉलोनी (Green Park Colony) के पीछे गरीब नवाज कॉलोनी ( Garib Nawaz Colony) में सारे अवैध कब्जे हैं। कल कब्जे को लेकर दो पक्ष भिड़े थे। मामला पुलिस तक भी पहुंचा। हालांकि पुलिस को लगा कि कुछ देर में मामला शांत हो जाएगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। आज सुबह एक पक्ष के नईम, उसका भाई छोटू और मां खुर्शीद बी घर में सो रहे थे, इसी बीच उनके घर में काले कपड़े और नकाब पहने हमलावर घुसे और हथियारों से हमला कर दिया। घर में शोरगुल होने लगा तो हमलावर भाग गए। बाद में अन्य पड़ोसी भी पहुंचे और घायलों को संभाला। नईम और छोटू की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि खुर्शीद बी को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। कल इससे पहले इनसे पड़ोस में रहने वाली कमरजहां अमरावती वाली और उसकी मां जुबैदा का विवाद हुआ था। दोनों मां-बेटी प्लाट पर कब्जा कर उसमें एंगल जोड़ रही थीं, तभी नईम के परिवार से इनका विवाद हुआ तो दोनों एक-दूसरे के साथ मारपीट करने के बाद थाने पहुंचे। चंदन नगर पुलिस को लगा कि ये आपसी झगड़े हैं और साधारण धाराओं में केस दर्ज कर दोनों पक्षों को रवाना कर दिया, लेकिन कमरजहां और जुबैदा के दिमाग में बड़ी वारदात ने जन्म ले लिया था।

जिस जमीन पर हो रहे कब्जे यह है उसकी पूरी कहानी…एसपी बोले- कब्जा हटवाएंगे
जिस जमीन पर धड़ल्ले से लोग कब्जा कर रहे हैं उसका वास्तविक नाम गरीब नवाज कॉलोनी रखा गया है। यह नाम कागजों पर कहीं भी अंकित नहीं है। यहां रहने वाले ज्यादातर लोग मुस्लिम हैं, जिसके चलते इसका नाम गरीब नवाज रखा गया है। उक्त जमीन सरकारी है, जो ग्रीन पार्क और गणगौर घाट के बीच आती है। सरकारी जमीन होने के चलते यह खाली पड़ी रही, जिस पर धीरे-धीरे गरीब लोग कब्जा करने लगे। पहले जो आकर यहां रहने लगा उसने अपने परिचितों और रिश्तेदारों को भी यहां बुलाकर बसा लिया। प्रशासन लोगों की लाचारी देखकर यहां कार्रवाई नहीं कर रहा था, लेकिन यहां भी भू-माफिया प्रवृत्ति पनपने लगी। एसपी महेश जैन का कहना है कि प्रशासन को पत्र लिखकर जल्द इस जमीन पर कब्जा हटवाएंगे।
पुलिस भी दोहरे हत्याकांड की जिम्मेदार
पूरे मामले को लेकर चंदन नगर पुलिस की लापरवाही साफ दिख रही है। कल पुलिस ने झगड़े के बाद 323, 324, 294, 506 जैसी धाराओं में केस दर्ज कर दोनों पक्षों को थाने से ही जमानत पर रवाना कर दिया। कार्रवाई में नईम की शिकायत पर यासिन, करीम, सूफियान और अरबाज पर केस दर्ज किया, जबकि दूसरे पक्ष की कमरजहां की रिपोर्ट पर नईम, छोटू और उनकी मां खुर्शीद पर केस दर्ज किया था। इनमें नईम और छोटू की हत्या हो चुकी है, जबकि पुलिस मामले की गंभीरता को देखते हुए किसी भी एक पक्ष पर कड़ी कार्रवाई कर देती तो यह दोहरा हत्याकांड सुनने को नहीं मिलता या फिर छोटी कार्रवाई के बाद इलाके में नजर रखती तो भी हमलावरों को पुलिस का डर होता।
पड़ोसियों ने भागते देखा
पड़ोसियों का कहना है कि यह साफतौर पर तो नहीं कहा जा सकता है कि हत्यारे कौन थे, क्योंकि उनके चेहरे ढंके हुए थे। उनके हाथ में हथियार होने के चलते उनसे दूर ही खड़े रहे, लेकिन इस मामले की चश्मदीद गवाह दोनों भाइयों की घायल मां खुर्शीद बी ने हमलावरों को पहचान लिया। उसका फिलहाल इलाज जारी है।
5 सालों में आधा दर्जन कब्जे
कमरजहां और उसकी मां जुबैदा अमरावती की रहने वाली हैं। दोनों 4 से 5 साल पहले यहां आई थीं और दोनों ने यहां कब्जा करते-करते आधा दर्जन प्लाटों पर टीन शेट तान दिए। महिलाएं होने के चलते कोई दोनों के मुंह भी नहीं लगता था।
झूठे केस में फंसाना था हथियार
दोनों महिलाओं के बारे में कहा जाता है कि दोनों झगड़ालू प्रवृत्ति की हैं। किसी से थोड़ा भी विवाद होता तो सीधे थाने की ओर ही भागती हैं। इसके चलते लोगों में इनके खिलाफ खौफ था। ये पहले भी नईम और छोटू पर पर झूठा केस दर्ज करवा चुकी थीं। बस्ती के रफीक और मुन्ना भी इनसे उलझने के बाद पुलिस के चक्कर में पड़ चुके थे।
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