मुंबई। हम टेलीविजन पर लंबे समय से डेली सोप ( (Reality Shows) ) देखते आ रहे हैं. इनमें ज्यादातर टीवी सीरियल (tv serial) टीआरपी (TRP) के चक्कर में इतने ज्यादा लंबे समय तक खींच दिए जाते हैं कि उनकी कहानी अक्सर तर्क से परे चली जाती है. वैसे भी एक वक्त था जब रियलिटी शो में सच्चाई दिखती थी. बिना किसी शोर और ड्रामे के शोज बनते थे. लेकिन अब चीजें पहले जैसी नहीं रहीं. रियलिटी शोज में भर-भरकर बस ड्रामा ही दिख रहा है.
रियलिटी शोज में ड्रामा चरम पर
इन दिनों सेलेब्रिटी मास्टर शेफ की जमकर चर्चा हो रही है. शो के प्रोमो वायरल हो रहे हैं. सबमें एक चीज कॉमन है या तो कोई रोता दिखेगा या फिर किसी को डांट पड़ रही होगी. ऐसा कर मेकर्स शो की तरफ ऑडियंस खींचने की कोशिश कर रहे हैं.
इंडियन आइडल, सारेगामापा और बाकी डांस शोज को ले लीजिए, सबमें कंटेस्टेंट की इमोशनल स्टोरीज को टीआरपी पाने के लिए हाईलाइट किया जा रहा है. यूं कहें तो आजकल हर दूसरा शो बिग बॉस के फॉर्मेट को कॉपी कर रहा है. जहां लड़ाई-झगड़ों के अलावा कंटेस्टेंट्स पर तीखे वार दिखाए जाते हैं.
केबीसी ने जीता दिल
शो को 25 साल पूरे हो गए हैं. बीते सालों में वक्त के हिसाब से शो का फॉर्मेट बदला है. इसमें नई चीजों को एडऑन किया गया है. टीआरपी और लोगों के एंटरटेनमेंट का ख्याल रखते हुए नए एंगल्स को इंट्रोड्यूस किया गया है. लेकिन शो ने अपनी सच्चाई को नहीं खोया है. आज भी गेम शो का पहला फोकस इसके बेसिक सेगमेंट सवाल-जवाब पर होता है.
अमिताभ अपने पुराने किस्से, दिल की बात लोगों से कहते हैं. कंटेस्टेंट्स की इमोशनल जर्नी को हाईलाइट किया जाता है. सेलेब्रिटी गेस्ट शो में आते हैं, फिर भी सब कुछ मर्यादा में रहकर होता है. कोई भी एंगल जबरदस्ती का नहीं लगता. सबसे बड़ी बात शो में मुद्दों को सेंसलाइज नहीं किया जाता. ये सभी बातें बिग बी के शो को दूसरों से अलग बनाती हैं. वरना तो आजकल सभी रियलिटी शो भेड़चाल में चल रहे हैं.
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