
नई दिल्ली: भारत (India) ने रक्षा क्षेत्र (Defense Sector) में एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है. DRDO द्वारा विकसित स्वदेशी मिलिट्री कॉम्बैट पैराशूट सिस्टम (Military Combat Parachute System) का सफल परीक्षण 32,000 फीट की ऊंचाई से किया गया. भारतीय वायुसेना (Air Force) के जांबाज जवानों ने इस ऊंचाई से फ्रीफॉल जम्प किया और पैराशूट सिस्टम की ताकत और भरोसेमंद डिजाइन को साबित किया. यह भारत का पहला ऐसा पैराशूट सिस्टम है जो 25,000 फीट से ज्यादा ऊंचाई पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है.
यह सिस्टम DRDO की दो प्रयोगशालाओं, एरियल डिलीवरी रिसर्च एंड डेवलपमेंट इस्टैब्लिशमेंट, आगरा, और डिफेंस बायोइंजीनियरिंग एंड इलेक्ट्रोमेडिकल लैबोरेटरी, बेंगलुरु, ने मिलकर बनाया है. इस पैराशूट में नई तकनीकें शामिल हैं, जैसे कम गति से उतरने की क्षमता, बेहतर दिशा नियंत्रण और NavIC (Navigation with Indian Constellation) से जुड़ाव, जिससे सैनिक किसी भी परिस्थिति में सटीक लैंडिंग कर सकते हैं.
इस सिस्टम के आने से अब भारत को विदेशी पैराशूट सिस्टम पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा. इसका रखरखाव देश में ही आसान और तेजी से किया जा सकेगा, जिससे युद्ध या संकट के समय यह पूरी तरह काम करने लायक रहेगा.
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