
नई दिल्ली। काबुल (Kabul) में एक संदिग्ध आत्मघाती हमलावर को निशाना बनाकर किए गए अमेरिकी ड्रोन हमले (US Drone) के बाद से इस बात पर चर्चा तेज हो गई थी कि भारत (India) किसी भी तरह के ड्रोन हमले को लेकर कितना तैयार है। ड्रोन हमले के खतरे को भांपते हुए ही अब भारतीय नौसेना (Indian Navy) ने एंटी-ड्रोन सिस्टम के लिए भारत इलेक्ट्रॉनिक लिमिटेड (बीईएल) से करार किया है। बता दें कि लेजर तकनीक पर आधारित एंटी ड्रोन सिस्टम किसी भी देश के ड्रोन को जामकर उसे मार गिरा सकता है। रक्षा मंत्रालय की ओर से जानकारी दी गई है कि वह पूरी तरह से स्वदेशी एंटी-ड्रोन है और बहुत जल्द इसे सशस्त्र सेना के बेड़े में शामिल किया जाएगा।
रक्षा मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक एंटी ड्रोन सिस्टम (एनएडीएस) डीआरडीओ की ओर से तैयार किया गया है और भारत इलेक्ट्रॉनिक लिमिटेड इसे तैयार कर रहा है। अभी तक की जानकारी के मुताबिक इस सिस्टम को ‘सॉफ्ट-किल’ और ‘हार्ड-किल’ दोनों ही विकल्पों में तैयार किया जाएगा। बता दें कि इस सिस्टम की पहली झलक इस साल गणतंत्र दिवस के परेड में देखने को मिली थी।
रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए कहा कि मंगलवार को बीईएल, डीआरडीओ और भारतीय नौसेना के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में एंटी ड्रोन सिस्टम (एनएडीएस) को लेकर करार किया गया। बीईएल से हुए करार में कहा गया है कि इस सिस्टम को मोबइल वर्जन एक ट्रक में लगाया जाएगा। बता दें कि एनएडीएस किसी भी छोटे से छोटे ड्रोन को पता लगा सकता है और उसे वहीं पर जाम कर सकता है। इस सिस्टम को भारतीय नौसेना के सभी सामरिक महत्व के बेस पर तैनात किया जाएगा।
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