नई दिल्ली। भारत ने सोमवार को अग्नि श्रृंखला (Agni Series) के सबसे नई पीढ़ी की ‘अग्नि प्राइम’ (Agni Prime) मिसाइल का सफल परीक्षण ओडिशा तट पर किया। अग्नि प्राइम (Agni Prime) नाम की इस मिसाइल की रेंज 2000 किमी है। यह मिसाइल परमाणु हथियार (missile nuclear weapon) ले जाने में भी सक्षम है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने ओडिशा के तट पर सुबह 10.55 बजे मिसाइल का सफल परीक्षण किया।
डीआरडीओ (DRDO) से अधिकारियों के मुताबिक सोमवार सुबह ओडिशा के बालासोर के तट पर डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से नई पीढ़ी की परमाणु सक्षम बैलिस्टिक मिसाइल ‘अग्नि प्राइम’ का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। अग्नि प्राइम’ अग्नि श्रेणी की मिसाइलों का एक नई पीढ़ी का उन्नत संस्करण है। यह एक कनस्तर वाली मिसाइल है, जिसकी मारक क्षमता 2,000 किलोमीटर के बीच है।
बता दें कि डीआरडीओ (DRDO) ने पिछले साल सितम्बर और अक्टूबर में छह सप्ताह के भीतर 12 मिसाइलें लॉन्च करके दुनिया को अचंभित कर दिया था। डीआरडीओ (DRDO) ने कोरोना महामारी से पहले आखिरी परीक्षण 5 मार्च को ओडिशा तट के एकीकृत परीक्षण रेंज में किया था। यह मिसाइल तकनीक सॉलिड फ्यूल डक्टेड रैमजेट (SFDR) थी, जो भारत को लंबी दूरी की हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल विकसित करने में मदद करेगी। ‘अग्नि प्राइम’ को 4000 किलोमीटर की दूरी वाली अग्नि-4 और 5000 किलोमीटर की अग्नि-5 मिसाइलों में इस्तेमाल होने वाली अत्याधुनिक तकनीकों के साथ विकसित किया गया है।
जल्द सेना में शामिल किए जाने की उम्मीद
अग्नि प्राइम मिसाइल दो स्टेज प्रोपेल्शन सिस्टम से चलती है और सॉलिड फ्यूल पर आधारित है। इसका गाइडेंस सिस्टम इलेक्ट्रोमैकेनिकल एक्ट्यूएटर्स से लैस हैं। अग्नि प्राइम न सिर्फ 2000 किमी की दूरी पर दुश्मन के वॉरशिप को निशाना बना सकती है, बल्कि परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम वॉरहेड इसे और खतरनाक बना देता है। उम्मीद जताई जा रही है कि इसे जल्दी ही सेना में शामिल किया जा सकता है।
अग्नि मिसाइल का पहला परीक्षण 1989 में हुआ
भारत ने 1989 में अग्नि मिसाइल का परीक्षण किया था। उस मिसाइल की मारक क्षमता 700 से 900 किमी तक थी। इसे 2004 में सेना में शामिल किया गया था। अब तक भारत अग्नि सीरीज की 5 मिसाइल लॉन्च कर चुका है।
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