
इंदौर। नेशनल हाईवेज अथॉरिटी आफ इंडिया (एनएचएआई) ने पश्चिमी रिंग रोड का ड्रोन सर्वे पूरा कर लिया है। अब सर्वे के आधार पर फाइनल रिपोर्ट तैयार करने की मशक्कत हो रही है। महीने के अंत तक यह रिपोर्ट नई दिल्ली स्थित एनएचएआई मुख्यालय को भेजी जाएगी। वहां से मंजूरी मिलने के बाद रिंग रोड निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगी। करीब तीन-चार महीने से 139 किलोमीटर लंबी पश्चिमी रिंग रोड के ड्रोन सर्वे और उसकी सीमा में पत्थर लगाने का काम हो रहा था। कुछ जगह पत्थर लगाने का काम बचा है, क्योंकि किसान विरोध कर रहे हैं। फिलहाल सिक्स लेन चौड़ाई की यह रोड शिप्रा के पास शुरू होकर पीथमपुर के पास स्थित नेट्रेक्स (आटो टेस्टिंग ट्रैक) तक बनाई जाना है। सडक़ के लिए 39 गांवों की 648 हेक्टेयर जमीन की जरूरत है और इसके निर्माण की लागत 2500 से 3000 करोड़ रुपए आंकी गई है।
दूसरी अधिसूचना के लिए जानकारी दिल्ली भेजी
एनएचएआई अफसरों का कहना है कि अक्टूबर में पहले नोटिफिकेशन के बाद जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू करने के लिए मुख्यालय से पहली अधिसूचना जारी की गई थी। अब अगले चरण में दूसरी अधिसूचना जारी होना है। इसके लिए सभी जरूरी दस्तावेज ऑनलाइन दिल्ली भेजे जा चुके हैं। वहां से तमाम अनुमतियों के बाद यथासंभव जनवरी में दूसरी अधिसूचना जारी हो जाएगी।
26 को किसानों की महापंचायत
इधर, पश्चिमी रिंग रोड और इंदौर-बुधनी रेल लाइन से प्रभावित किसान 26 दिसंबर को सेमलियाचाऊ में महापंचायत का आयोजन कर रहे हैं। किसान नेता हंसराज मंडलोई ने इंदौर और देवास जिलों के किसानों से आग्रह किया है कि वे इस महापंचायत में ज्यादा से ज्यादा संख्या में शामिल हों।
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