
डेस्क। एशिया में सूखे, बाढ़ व भूस्खलन से पिछले साल भारी तबाही हुई। वर्ष 2021 में इस महाद्वीप में खराब मौसम से कुल 35.60 अरब डॉलर की क्षति हुई और करीब पांच करोड़ लोग प्रभावित हुए। चीन को सर्वाधिक 18 अरब डॉलर का नुकसान उठाना पड़ा।
विश्व मौसम संगठन (WMO) की रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल एशिया में खराब मौसम से भारी नुकसान हुआ। चीन को जहां 18.4 अरब डॉलर की आर्थिक क्षति हुई वहीं, भारत को 3.2 अरब डॉलर की। 2021 में बाढ़ से चीन में सबसे अधिक आर्थिक नुकसान हुआ। इसके बाद भारत का स्थाना आया है। वहीं, थाईलैंड में बाढ़ से 0.6 अरब डॉलर का नुकसान हुआ। तूफान भी बड़ी आर्थिक तबाही का कारण बने। भारत में इससे 4.4 अरब डॉलर का, चीन में 3.0 अरब डॉलर का, जापान में 2 अरब डॉलर, नुकसान हुआ।
डब्ल्यूएमओ ने एशिया में जलवायु 2021 की स्थिति को लेकर जारी रिपोर्ट में यह जानकारी दी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कैसे जलवायु परिवर्तन के प्रभाव मानव, वित्तीय और पर्यावरण पर पड़ रहे हैं। इससे खाद्य सुरक्षा, गरीबी हटाने और सतत विकास के लक्ष्य पाने में बाधा आ रही है।
जलसंकट चिंताजनक, ग्लेशियरों को हो रहा नुकसान
रिपोर्ट में भविष्य के जल संकट को लेकर भी चिंता जताई गई है। हिमालय और तिब्बती पठार सहित उच्च पर्वतीय एशिया में ध्रुवीय क्षेत्र के बाहर बर्फ की सबसे बड़ी मात्रा है। इसमें लगभग 100,000 किमी क्षेत्र में दो ग्लेशियर क्षेत्र हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि ग्लेशियर पिघलने की दर तेज हो रही है।
वर्ष 2021 में असाधारण रूप से गर्म और शुष्क परिस्थितियों के कारण कई ग्लेशियरों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा। दुधरती के इस सबसे सघन आबादी वाले हिस्से यानी एशिया के लिए ये जल भंडार ताजे पानी की आपूर्ति के सबसे अहम स्रोत हैं। इसलिए ग्लेशियर पिघलने का भावी पीढ़ियों पर असर पड़ेगा।
चेतावनी प्रणाली मजबूत करना जरूरी
डब्ल्यूएमओ के महासचिव प्रोफेसर पेटेरी टालास ने कहा कि जलवायु संकेतक और प्रतिकूल मौसम की घटनाओं को इस रिपोर्ट में दर्शाया गया है। भविष्य में एशिया के अधिकांश हिस्सों में वर्षा में अपेक्षित वृद्धि से पता चलता है कि प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली (Early Warning systems) को मजबूत करना कितना महत्वपूर्ण है। संयुक्त राष्ट्र का ‘अर्ली वार्निंग फॉर ऑल प्रोग्राम’ लोगों को लगातार और बेहद प्रतिकूल मौसम से बचाने में मदद करेगा।
डब्ल्यूएमओ की यह रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग एशिया और प्रशांत (ESCAP) के साथ संयुक्त रूप से तैयार की गई है। इसे इजिप्ट के शर्म अल शेख में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन वार्ता, COP27 के दौरान प्रस्तुत किया गया था।
20 सालों में आपदा से बढ़ा नुकसान, बाढ़ से सर्वाधिक
रिपोर्ट दर्शाती है कि कैसे, पिछले 20 वर्षों में आपदाओं से आर्थिक नुकसान बढ़ रहा है। 2001-2020 में सूखे से आर्थिक क्षति में 63 फीसदी की वृद्धि हुई है। बाढ़ से 23 फीसदी और भूस्खलन से 147 फीसदी की वृद्धि हुई है। 2021 में एशिया में प्राकृतिक आपदा की 100 से ज्यादा घटनाएं हुईं। इनमें से 80 फीसदी बाढ़ और तूफान से जुड़ी थीं। इनके कारण 4,000 मौतें हुईं। इनमें से 80 फीसदी बाढ़ के कारण हुईं। 4.83 करोड़ लोग इन आपदाओं से सीधे प्रभावित हुए और 35.6 अरब डॉलर का नुकसान हुआ।
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