
इंदौर। नगर निगम के अधिकारी भी कमाल के काम करते हैं। पहले डीआरपी लाइन चौराहा (शांतिपथ चौराहा) की विशाल रोटरी को छोटा करने की मशक्कत कई दिनों तक चलती रही, ताकि यातायात संचालन बेहतर हो और अब चौराहा सौंदर्यीकरण के लिए फिर से उतनी ही बड़ी रोटरी बना दी गई। तीन साल से काम चल रहा है और अभी सिर्फ फुटपाथ ही बने हैं। निगम इंजीनियरों के अलबेले प्रयोग अभी और बाकी हैं।
शहर के कई चौराहों को संवारने से लेकर उन्हें व्यवस्थित करने की जिम्मेदारी नगर निगम के यातायात प्रकोष्ठ के पास है। अब तक कई चौराहों को संवारा तो गया, लेकिन अधिकांश को बदहाल भी कर दिया गया। अभी यातायात प्रकोष्ठ के कारनामे खूब चर्चा में हैं। चंदन नगर क्षेत्र में कई जगह गलियों और सडक़ों के नाम बदलने को लेकर बिना प्रस्ताव के वहां बोर्ड लगा दिए गए। कई अधिकारी नपे और अब जांच भी चल रही है। तीन साल पहले नगर निगम ने डीआरपी लाइन (शांतिपथ चौराहा) को संवारने का काम शुरू किया था। इंजीनियरों ने सबसे पहले वहां बनी विशाल रोटरी छोटी करने की कवायद शुरू की, ताकि वाहनों का आवागमन सुगमता से हो सके।
इसके पीछे कई अलग-अलग तर्क दिए गए थे और रोटरी उस दौरान पूरी तरह तोड़ दी गई थी। आसपास के हिस्सों में सौंदर्यीकरण के लिए आकर्षक पेवर ब्लाक लगाए जा रहे हैं, लेकिन इन सबके साथ-साथ वहां फिर से विशालकाय रोटरी बनाने का काम शुरू कर दिया गया। अब लोगों और वाहन चालकों का सवाल है कि जब इतनी बड़ी रोटरी ही बनानी थी तो पहले वाली रोटरी क्यों तोड़ी गई? नगर निगम के इंजीनियर ऐसे ही प्रयोग कई जगह करते हैं और फिर बाद में चौराहे को संवारने के नाम पर उनका कबाड़ा कर दिया जाता है। नगर निगम से रामबाग की ओर जाने वाले चौराहे को भी संवारने का काम कई दिनों से अटका पड़ा है और एमजी रोड थाने का पुराना भवन भी नहीं तोडऩे के कारण लेफ्ट टर्न चौड़े किए जाने का मामला भी अटका है।
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