
नई दिल्ली: दुबई (Dubai) में 17 से 21 नवंबर तक एयरशो का आयोजन हुआ, इसमें 115 देशों की एयरफोर्स ने हिस्सा लिया. लेकिन आखिरी दिन 21 नवंबर, इतिहास में एक गहरे घाव की तरह दर्ज हो गया. एयरशो के दौरान इंडियन एयर फोर्स का तेजस विमान क्रैश हो गया. हादसे में विंग कमांडर नमांश स्याल का निधन हो गया. इसके बावजूद दुबई में एयरशो जारी रहा. इसे रद्द नहीं करने के फैसले को लेकर लोग आयोजकों पर सवाल उठा रहे हैं. हालांकि अमेरिका और रूस ने विंग कमांडर नमांश के सम्मान में फैसला लिया.
अमेरिकी F-16 डेमो टीम ने 21 नवंबर को दुबई एयरशो में अपना आखिरी प्रदर्शन रद्द कर दिया. F-16 टीम के पायलट कैप्टन टेलर हिएस्टर ने दुखद घटना के बाद भी शो रद्द न होने पर आश्चर्य व्यक्त किया. हिएस्टर ने कहा कि जब यह दुर्घटना हुई, तब उनकी टीम अपने शो की तैयारी कर रही थी. इस त्रासदी के बावजूद कार्यक्रम रद्द नहीं किया गया, लेकिन अमेरिकी टीम और कुछ अन्य लोगों ने पायलट, उनके सहयोगियों और परिवार के सम्मान में अपना प्रदर्शन रद्द करने का फैसला किया.
कैप्टन हीस्टर ने अमेरिका जाते समय सोशल मीडिया पर अपनी भावनाएं साझा कीं. उन्होंने शो जारी रखने के लिए आयोजकों की भी आलोचना की. हीस्टर ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक भावुक पोस्ट में लिखा कि फ्लाइंग कार्यक्रम जारी रखने का निर्णय चौंकाने वाला था. मैंने सोचा कि हमारे शो छोड़ने के बाद शो बंद कर दिया जाएगा. लेकिन अनाउंसर 2 घंटे बाद भी उत्साहित थे. भीड़ ने भी उत्साह के साथ एयरशो देखा. हीस्टर ने कहा कि यह पल उनके लिए असहज था. मैं इस सच्चाई से हिल गया था, चाहे कोई भी रूप हो, चाहे कोई भी ‘रॉकस्टार ट्रीटमेंट’ हो, चाहे कोई भी शानदार डिनर हो और चाहे कोई भी स्पॉन्सर चेलेट्स हो, मेरी टीम जो मेरा परिवार बन गई थी, वही मेरे लिए सबसे पहले थी.
दूसरी तरफ रूस की Russian Knights एरोबेटिक टीम ने Su-35 लड़ाकू विमानों के शानदार करतब के साथ उन्हें भावुक श्रद्धांजलि दी. टीम ने इसे भारतीय पायलट के सम्मान में विशेष ट्रिब्यूट बताया. विंग कमांडर नमांश स्याल हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के रहने वाले थे, उनका पैतृक गांव पटियालकड़ में 23 नवंबर को पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया.
विंग कमांडर स्याल एयरशो के आखिरी दिन लो-लेवल एरोबैटिक करतब दिखा रहे थे, तभी अचानक से तेजस विमान जमीन से जा टकराया और उसमें आग लग गई. स्याल अपने पीछे अपनी पत्नी विंग कमांडर अफ्शान अख्तर, 6 साल की बेटी और माता-पिता को छोड़ गए हैं. जुलाई 2016 में वायुसेना में शामिल होने के बाद से, भारत में बने इस सिंगल-इंजन लड़ाकू विमान से जुड़ी दूसरी दुर्घटना थी.
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