
इंदौर, विकाससिंह राठौर। मध्यप्रदेश में परिवहन विभाग की नई तकनीकी अपडेट के चलते पिछले एक सप्ताह से वाहन मालिकों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वाहनों से जुड़े किसी भी काम के लिए अब हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट (एचआरएसपी) को अनिवार्य कर दिया गया है। इसके बिना वाहनों का ट्रांसफर, रिन्युअल, डुप्लीकेट कार्ड, फिटनेस सर्टिफिकेट और परमिट रिन्युअल जैसे सभी काम आरटीओ कार्यालयों में अटक गए हैं।
परिवहन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार सभी वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाना अनिवार्य किया गया है। सुप्रीम कोर्ट में डायल अगेन सभी राज्य सरकारों को रिपोर्ट भी पेश करना है। इसी कारण शासन ने हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट अब हर कार्य के लिए अनिवार्य कर दी है, ताकि ज्यादा से ज्यादा वाहनों में इसे लगाया जाए और जिन वाहनों में ये लगी है लेकिन सिस्टम पर अपडेट नहीं है, उनका रिकॉर्ड भी अपडेट हो। इसके लिए सेंट्रल सर्वर ‘वाहन’ में तकनीकी बदलाव किए हैं। अपडेट के बाद जैसे ही लोग किसी भी काम के लिए ऑनलाइन आवेदन कर रहे हैं, सिस्टम में बार-बार संदेश आ रहा है आप अपनी एचआरएसपी को अपडेट कराएं।
जिन वाहनों में एचआरएसपी लगी वे भी अटके
जिन वाहनों में एचआरएसपी नहीं लगी है उन वाहनों में तो नई व्यवस्था के बाद लोग लगवाना शुरू कर चुके हैं। लेकिन नई व्यवस्था से सबसे ज्यादा वे लोग परेशान है, जिनके वाहनों में पहले से एचआरएसपी लगी हुई है। बताया जा रहा है ये वे वाहन हैं जिनमें वाहन पोर्टल आने से पहले 2019 से 2022 के बीच स्मार्ट चिप के रहते प्लेटें लगाई गई थीं और इनका रिकॉर्ड वाहन पोर्टल पर अपडेट नहीं हुआ है।
रोजाना हजारों गाडिय़ां फंसीं
सिर्फ भोपाल, इंदौर और ग्वालियर जैसे बड़े शहरों में ही रोजाना करीब 5 से 7 हजार आवेदन अटक रहे हैं। प्रदेश स्तर पर यह आंकड़ा और बड़ा है। इसके कारण विभाग में भी कोई काम नहीं हो पा रहा और अधिकारी कर्मचारी सभी को यही कहते नजर आ रहे हैं कि पहले एचआरएसपी लगवाओ और अगर लगी है तो डीलर के पास जाकर रिकॉर्ड अपडेट करवाओ। पहुंच गया है। ट्रांसफर से लेकर परमिट रिन्युअल तक, हर तरह की प्रक्रिया रुकी हुई है।
कमर्शियल गाडिय़ों पर सबसे ज्यादा असर
जहां निजी वाहन मालिक अपने काम को कुछ दिन टाल सकते हैं, वहीं कमर्शियल गाडिय़ों के लिए यह समस्या गंभीर हो गई है। परमिट रिनुअल न होने से यात्री बस, ट्रक और टैक्सी मालिकों की गाडिय़ां बंद होने की नौबत आ गई है। रोजाना आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। कई वाहन मालिक आरटीओ कार्यालयों के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन समाधान नहीं मिल पा रहा है।
डीलर कह रहे -नंबर प्लेट अपडेट तभी निकला रजिस्ट्रेशन कार्ड
इस पूरे सिस्टम से परेशान हुए लोग जिनकी गाडिय़ों में एचआरएसपी लगी है, लेकिन सिस्टम उन्हें स्वीकार नहीं कर रहा है, वह डीलर के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन ज्यादातर डीलर्स उन्हें यह कहते हुए लौटा रहे हैं कि आपके वाहन में अगर एचआरएसपी लगी है तो उसका सिस्टम में रिकॉर्ड भी अपडेट हो चुका है, अन्यथा वाहन का रजिस्ट्रेशन कार्ड ही नहीं निकल सकता था। जानकारी के अभाव में डीलर और वाहन मालिक दोनों ही परेशान है।
इंदौर में 2 लाख से ज्यादा एचआरएसपी अपडेट होना बाकी, इसीलिए परेशानी
इस मामले में आरटीओ प्रदीप शर्मा ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर पूरे देश में वाहनों पर लगने वाली है सिक्योरिटी नंबर प्लेट की रिपोर्ट तैयार की जा रही है। मध्य प्रदेश में 2019 से 2022 के बीच 4.75 लाख वाहनों पर एचआरएसपी लगाई गई थी, लेकिन यह प्रदेश में तब लागू स्मार्ट चिप कंपनी के सर्वर पर अपडेट हुई थी। इसके बाद से लागू सेंट्रल सर्वर वाहन पर अब तक इनमें से करीब ढाई लाख वाहनों का रिकॉर्ड ही अपडेट हुआ है। इसके चलते अब वाहनों से जुड़े सभी कामों के लिए इसे अपडेट करवाना अनिवार्य किया गया है। इसके लिए आवेदकों को अपने डीलर से संपर्क करते हुए सिर्फ रिकॉर्ड अपडेट करवाना है, जिससे उन्हें काम में कोई परेशानी नहीं आएगी। उन्होंने बताया कि इसके अलावा अगर कोई तकनीकी खराबी आती है तो हम मुख्यालय से संपर्क करके उसे दूर करेंगे।
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