
बेंगलुरु: कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में पिछले दिनों रोड रेज के एक केस में 22 साल के एक युवक की हत्या कर दी गई. दो मोटरबाइक की आपसी टक्कर के बाद इस हत्या को अंजाम दिया गया. आमतौर पर इस तरह के केस में लोग झगड़े के बाद गुस्से में अंजाम देते हैं. ऐसे मामलों को पुलिस एक अलग श्रेणी में रखती है. कर्नाटक में पिछले से अब तक ऐसे 441 मामले दर्ज किए गए हैं. ये आंकड़े 1 जनवरी 2021 से लेकर 28 फरवरी 2022 तक के हैं. यानी हर रोज़ कम से कम एक हत्या.
अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक जहां 2021 में कुल 1,328 हत्याएं हुईं, वहीं 2022 के पहले दो महीनों में राज्य भर में 216 मामले सामने आए. राज्य में प्रतिदिन औसतन कम से कम तीन व्यक्तियों की हत्या की जाती है और उनमें से एक की अचानक उकसावे के कारण हत्या कर दी जाती है.
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADGP) अपराध आर हितेंद्र ने कहा, “रोड रेज के कारण हत्याएं इस तरह की हत्याओं के लिए सबसे अच्छा उदाहरण हैं. कम से कम दो व्यक्ति बहस में शामिल हैं और एक दूसरे पर हमला करना ऐसी हत्याओं की सामान्य विशेषता है. यहां, पीड़ित और आरोपी एक-दूसरे को जानते भी हो सकते हैं और नहीं भी.’
वरिष्ठ अधिवक्ता हशमत पाशा ने कहा कि अदालतें इस तथ्य पर विचार करती हैं कि ‘हत्या अचानक झगड़े के कारण हो सकती है’ और कई मामलों में, विशेष रूप से लाभ के लिए दोषी को आजीवन कारावास की सजा नहीं दी जाती है, जो अन्य हत्याओं में दी जाती है. उन्होंने कहा, “कर्नाटक में अदालतों ने पिछले कुछ वर्षों में अचानक झगड़े के मामलों में हत्या के कई आरोपियों को पांच से सात या 10 साल तक की जेल की सजा सुनाई है.”
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