
नई दिल्ली । हरियाणा (Haryana)के जींद जिले के जुलाना के गांव देवरड़(Deorad village of Julana) में रविवार को मनरेगा योजना(MNREGA Scheme) के तहत चल रही तालाब की खुदाई(digging the pond) के दौरान 10 नर कंकाल मिलने से सनसनी फैल गई। एक कंकाल की लंबाई 8 फुट के आसपास है, जो सामान्य मानव कद से अधिक है। इसके साथ ही मिट्टी से निकले जबड़े और अन्य हड्डियां आम इंसान के शरीर से कहीं बड़ी बताई जा रही हैं। खुदाई में कुछ टूटे-फूटे मटके और मिट्टी के बर्तन भी मिले हैं, जिससे पता चलता है कि ये अवशेष काफी पुराने हैं।
एक के बाद एक नर कंकाल मिलते गए
गांव देवरड़ मनरेगा के तहत दो महीने से तालाब की खुदाई का काम जारी था, जिसमें रोजाना 50 से 60 मजदूर लगे हुए थे। रविवार को खुदाई के दौरान एक नर कंकाल मिला जिससे मजदूर डर गए। आनन-फानन में उन्होंने सरपंच को मामले की जानकारी दी। इसके बाद बीडीपीओ को सूचित किया गया। जैसे-जैसे मजदूर खुदाई करते गए, एक के बाद एक नर कंकाल मिलते गए। कुल 10 नर कंकाल मिले और पुराने युग के मटके व कुछ बर्तन भी मिट्टी से निकले। हैरानी की बात ये है कि ये सभी नर कंकालों की लंबाई सामान्य इंसान की लंबाई से कहीं अधिक थी। हड्डियों की लंबाई भी ज्यादा थी।
खुदाई का काम रोका,पुरातत्व विभाग की मदद लेंगे: बीडीपीओ
जुलाना के बीडीपीओ प्रतीक जांगड़ा ने बताया कि खुदाई के दौरान कंकाल मिलने की सूचना पर काम को तत्काल रोक दिया गया है और जांच टीम को मौके पर भेजा गया है। जांच के बाद ही आगे की खुदाई का निर्णय लिया जाएगा। इन कंकालों की सटीक जानकारी के लिए पुरातत्व विभाग और वैज्ञानिकों की मदद ली जाएगी, ताकि यह पता चल सके कि यह मानव अवशेष किस कालखंड से संबंधित हैं और इनकी असामान्य लंबाई का रहस्य क्या है।
सुनियोजित तरीके से दफनाए गए शव लगे
वहीं, मजदूरों और ग्रामीणों का दावा है कि जिस ढंग से हड्डियां दबी थीं, उससे लगता है कि ये सुनियोजित तरीके से दफनाए गए शव हैं। गांव के बुजुर्गों ने बताया कि आजादी से पहले इस जगह पर मुस्लिम समुदाय का कब्रिस्तान होता करता था, जो बाद में बंजर हुआ और तालाब में तब्दील कर दिया गया। इससे पहले कभी किसी खुदाई में कंकाल नहीं मिले थे, लेकिन इस बार जब तालाब को गहरा किया जा रहा था, तो गुजरे समय की परतें खुल गई।
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