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हिमाचल प्रदेश में मॉनसूनी आपदा के बीच भूकंप के झटके…. कांगड़ा में हिली धरती

August 19, 2025

कांगड़ा। हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में पहले से जारी मानसूनी आफत (Monsoon disasters ) और आपदाओं के बीच सोमवार रात भूकंप के झटकों (Earthquake tremors) ने लोगों को दहशत में डाल दिया। कांगड़ा जिले (Kangra district) में रात करीब 9 बजकर 28 मिनट पर धरती हिल गई। अचानक आए इन झटकों से लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। भारतीय मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 3.9 मापी गई है। भूकंप का केंद्र 32.23 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 76.38 डिग्री पूर्वी देशांतर पर स्थित था। इसकी गहराई केवल 10 किलोमीटर रही।


भूकंप के झटके कुछ सेकंड तक महसूस किए गए। राहत की बात यह रही कि अब तक किसी तरह के जान-माल के नुकसान की कोई सूचना नहीं मिली है। अचानक आई इस हलचल ने लोगों को सहमा जरूर दिया क्योंकि राज्य पहले से ही बाढ़, भूस्खलन और बादल फटने जैसी आपदाओं से जूझ रहा है।

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार पिछले दिनों में हिमाचल प्रदेश के कई पहाड़ी जिलों जैसे चंबा, मंडी, कुल्लू, लाहौल-स्पीति और किन्नौर में भी हल्के झटके महसूस किए गए हैं। हालांकि इन झटकों से किसी प्रकार की बड़ी क्षति की खबर नहीं रही है, लेकिन लगातार आ रहे भूकंप लोगों को चिंता में डाल रहे हैं। हिमाचल प्रदेश भूकंपीय दृष्टि से अत्यधिक संवेदनशील क्षेत्र है और राज्य का अधिकांश हिस्सा भूकंप जोन-4 और जोन-5 में आता है।

एक हफ्ते तक भारी बारिश का अलर्ट
हिमाचल प्रदेश में मॉनसून की सक्रियता से फिलहाल राहत मिलने के आसार नहीं हैं। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने राज्य में इस पूरे हफ्ते तक भारी बारिश की चेतावनी दी है। विभाग ने 24 अगस्त तक येलो अलर्ट जारी किया है। 19 व 20 अगस्त तक प्रदेश के कई हिस्सों में गरज-चमक व अंधड़ के साथ भारी वर्षा की संभावना जताई गई है, वहीं 21 अगस्त को अंधड़ चलने का पूर्वानुमान है। इसके बाद 22 से 24 अगस्त तक एक बार फिर भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है।

2 NH सहित 387 सड़कें ठप
लगातार हो रही वर्षा से प्रदेश में जनजीवन अस्त-व्यस्त है। भारी बारिश और भूस्खलन से प्रदेश में यातायात व्यवस्था चरमराई हुई है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार सोमवार शाम तक प्रदेश में दो नेशनल हाईवे और 387 सड़कें अवरुद्ध रहीं। इनमें अकेले मंडी जिले में 192 सड़कें बंद हैं। कुल्लू में 103, कांगड़ा में 26, सिरमौर में 29 और शिमला में 11 सड़कें बंद हैं। कुल्लू में एनएच-305 और मंडी में एनएच-21 पर यातायात पूरी तरह बाधित है।

राज्यभर में 760 ट्रांसफार्मर खराब
भारी बारिश से प्रदेश में बिजली और पानी की आपूर्ति भी बुरी तरह प्रभावित हुई है। राज्यभर में 760 ट्रांसफार्मर बंद हैं, जिनमें से 499 केवल कुल्लू जिले में हैं। 245 ट्रांसफार्मर मंडी में ठप हैं। इसके अलावा 186 पेयजल योजनाएं भी प्रभावित हुई हैं, जिनमें सिरमौर में 46, मंडी में 44 और कांगड़ा में 41 शामिल हैं।

268 लोगों की मौत, 37 लापता, 332 घायल
अब तक इस मानसून सीजन में प्रदेश में 268 लोगों की मौत हो चुकी है, 37 लापता हैं और 332 लोग घायल हुए हैं। मृतकों में मंडी में सर्वाधिक 47, कांगड़ा में 41, चंबा में 33, शिमला में 26, किन्नौर में 24 और कुल्लू में 23 लोग शामिल हैं। इस दौरान 2540 मकान क्षतिग्रस्त हुए, जिनमें 604 पूरी तरह ढह गए। 362 दुकानें और 2274 पशुशालाएं भी नष्ट हो चुकी हैं। अकेले मंडी में 1296 मकान, 287 दुकानें और 1219 पशुशालाएं तबाह हुई हैं।

2194 करोड़ रुपये का नुकसान
भूस्खलन और बारिश से 1626 पशुओं व 25,755 पोल्ट्री पक्षियों की मौत भी हो चुकी है। सरकारी आकलन के मुताबिक अब तक प्रदेश को 2194 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। लोक निर्माण विभाग को 1216 करोड़ और जलशक्ति विभाग को 716 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचा है।

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