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पूर्वी लद्दाख: आज पूरी तरह हट जाएगी गोगरा हॉट स्प्रिंग्स से भारत-चीन सेना

September 12, 2022

नई दिल्‍ली। पूर्वी लद्दाख (Eastern Ladakh) के गोगरा-हॉटस्प्रिंग क्षेत्र में पेट्रोलिंग प्वाइंट 15 से आज यानी सोमवार को भारत और चीन(India and China) की सेना पूरी तरह हट जाएगी. 12 सितंबर दोनों देशों के सैनिकों के पीछे हटने की आखिरी तारीख थी. इस इलाके में पिछले दो साल से अधिक समय से दोनों पक्षों के बीच गतिरोध बना हुआ था. दोनों देशों की सेना ने गुरुवार को घोषणा की थी कि उन्होंने पूर्वी लद्दाख के गोगरा-हॉटस्प्रिंग क्षेत्र (Gogra-Hotspring area) में पेट्रोलिंग प्वाइंट 15 से पीछे हटना शुरू कर दिया है. 12 सितंबर तक पीछे हटने की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी. 16वें दौर की वार्ता में दोनों देशों के बीच इस पर सहमति बनी.

दोनों देशों के बीच मई 2020 में गतिरोध शुरू हुआ था. इस दौरान दोनों देशों की सेनाएं कई बार आमने-सामने हुईं. इसके बाद जून के महीने में गलवान में हुए हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिकों (Indian soldiers) की मौत हो गई थी. इस खूनी झड़प के बाद गतिरोध और तेज हो गया, जो दो साल से अधिक समय तक चला. इस दौरान भारत और चीन के बीच कई दैर की कमांडर स्तर की वार्ता हुई. मगर कोई सार्थक समाधान नहीं निकल सका. वहीं, 16वें दौर की कमांडर स्तर की बातचीत में दोनों देशों के बीच कई मुद्दों पर सहमति बनी, जिनमें से एक ये भी था गोगरा-हॉटस्प्रिंग से सैनिकों का हटना.



LAC के पास बहाल होगी गतिरोध से पहले की स्थिति
इस पूरे मामले में विदेश मंत्रालय (foreign Ministry) के प्रवक्ता ने कहा, ‘हमारा मानना है कि पीछे हटने की प्रक्रिया एक सकारात्मक कदम होगा. यह सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति के माहौल के लिए महत्वपूर्ण है और चीन भी शांति एवं स्थिरता बनाए रखने के लिए भारत(India) के साथ काम करने की उम्मीद करता है.’ बागची ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘इस बात पर सहमति बनी कि इलाके में दोनों पक्षों द्वारा बनाए गए सभी अस्थायी ढांचे और अन्य संबद्ध ढांचे ध्वस्त किए जाएंगे और इसकी पारस्परिक रूप से पुष्टि की जाएगी. इलाके में वही प्राकृतिक स्वरूप बहाल किया जाएगा, जो दोनों पक्षों के बीच गतिरोध की स्थिति से पहले था.’ उन्होंने बताया कि दोनों पक्षों ने वार्ता जारी रखने और भारत-चीन सीमावर्ती इलाकों में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास शांति बहाल करने एवं शेष मुद्दों को सुलझाने पर सहमति जताई है.

SCO की बैठक में PM मोदी और जिनपिंग के बीच हो सकती है बातचीत
बता दें कि उज्बेकिस्तान में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के वार्षिक शिखर सम्मेलन से लगभग एक सप्ताह पहले इलाके से पीछे हटने की घोषणा की गई क्योंकि इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के भाग लेने की उम्मीद है. पीएम मोदी 15-16 सितंबर को शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए उज्बेकिस्तान जाएंगे. सम्मेलन के दौरान नेताओं के पिछले दो दशकों में समूह की गतिविधियों की समीक्षा करने और बहुपक्षीय सहयोग की संभावनाओं पर चर्चा करने की उम्मीद है. विदेश मंत्रालय ने बताया कि प्रधानमंत्री के शिखर सम्मेलन से इतर कुछ द्विपक्षीय बैठकें करने की भी संभावना है. हालांकि इस संबंध में आधिकारिक बयान नहीं है कि मोदी शी जिनपिंग के साथ बैठक करेंगे या नहीं.

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