
नई दिल्ली. भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने लोकसभा (Lok Sabha) में विपक्ष के नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) द्वारा मुख्य निर्वाचन आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार के खिलाफ लगाए गए आरोपों को निराधार और गलत करार दिया है.
दरअसल, राहुल गांधी ने नई दिल्ली के इंदिरा भवन ऑडिटोरियम में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया था कि 2024 के लोकसभा चुनावों में बड़े पैमाने पर ‘वोट चोरी’ हुई. उन्होंने विशेष रूप से कर्नाटक के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र और महाराष्ट्र के राजुरा विधानसभा क्षेत्र का जिक्र करते हुए कहा कि वहां हजारों वोटों में हेराफेरी की गई है.
राहुल के इन्हीं आरोपों का जवाब देते हुए चुनाव आयोग ने एक बयान जारी किया है.निर्वाचन आयोग ने राहुल गांधी के इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि सीईसी ज्ञानेश कुमार के खिलाफ लगाए गए सभी आरोप निराधार और तथ्यात्मक रूप से गलत हैं.
ऑनलाइन डिलीट नहीं किए जा सकते वोट: EC
आयोग ने एक आधिकारिक बयान जारी कर कहा, ‘राहुल गांधी द्वारा लगाए गए आरोप गलत और बेबुनियाद हैं. किसी भी वोट को ऑनलाइन डिलीट नहीं किया जा सकता. आम जनता ऐसा नहीं कर सकती, जैसा कि राहुल गांधी ने समझा है.’
2023 में दर्ज कराई FIR
EC ने ये भी कहा कि वोट डिलीट करने से पहले प्रभावित व्यक्ति को अपना पक्ष रखने का पूरा मौका दिया जाता है. साल 2023 में अलंद विधानसभा क्षेत्र में वोट डिलीट करने की कुछ नाकाम कोशिशें हुई थीं. इस मामले में चुनाव आयोग ने खुद FIR दर्ज कराई थी.
❌Allegations made by Shri Rahul Gandhi are incorrect and baseless.#ECIFactCheck
✅Read in detail in the image attached 👇 https://t.co/mhuUtciMTF pic.twitter.com/n30Jn6AeCr
— Election Commission of India (@ECISVEEP) September 18, 2025
आयोग के रिकॉर्ड के मुताबिक 2018 में अलंद सीट भाजपा के सुभाष गुट्टेदार ने जीती थी और 2023 में कांग्रेस के बीआर पाटिल ने जीत हासिल की थी.
क्या हैं राहुल के आरोप
राहुल गांधी ने अपनी खास प्रेस कॉन्फ्रेंस में कर्नाटक के अलंद निर्वाचन क्षेत्र का जिक्र करते हुए कहा दावा कि कर्नाटक के आलंद विधानसभा क्षेत्र में 6,018 वोटों को हटाने की कोशिश की गई. हमें नहीं पता कि 2023 के चुनाव में कुल कितने वोट हटाए गए, लेकिन यह संख्या 6,018 से कहीं ज्दाया थी.
उन्होंने कहा कि ये मामला तब सामने आया, जब एक बूथ-स्तरीय अधिकारी ने देखा कि उसके चाचा का वोट हटा दिया गया है. जांच करने पर पता चला कि पड़ोसी के नाम पर वोट हटाया गया. जब उसने पड़ोसी से पूछा तो उसने कहा कि उसने कोई वोट नहीं हटाया. न तो वोट हटाने वाले को और न ही जिसका वोट हटाया गया, उसे इसकी जानकारी थी. सच में, किसी बाहरी ताकत ने सिस्टम को हैक करके ये वोट हटाए थे.

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