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ED का खुलासा: घर में छापा चल रहा था, फिर भी चलता रहा पूर्व मंत्री योगेंद्र साव का काला कारोबार

July 09, 2025

रांची। झारखंड (Jharkhand) के पूर्व मंत्री योगेंद्र साव (Yogendra Saav) के नियंत्रण में ही अवैध बालू का पूरा कारोबार बड़कगांव इलाके (Barakgaon area) में संचालित होता है। ईडी (ED) की छापेमारी के दिन ही एजेंसी के समक्ष इसका खुलासा हो गया। जानकारी के मुताबिक, बीते शुक्रवार को जब योगेंद्र साव, अंबा प्रसाद और उनके करीबियों के ठिकानों पर छापेमारी हो रही थी, उसी दौरान सुबह में योगेंद्र साव के मोबाइल पर कई मैसेज आए। इसमें अवैध लदे बालू ट्रक- ट्रैक्टरों के नंबर दर्ज थे। रोजाना इन नंबरों की जानकारी योगेंद्र साव को भेजी जाती थी। ईडी के अनुसार अवैध बालू कारोबार में स्थानीय पुलिस पदाधिकारियों की भी भूमिका है।

 



छापेमारी के दौरान ईडी को जो मोबाइल मिला, उसमें स्थानीय पदाधिकारियों द्वारा ही बालू लदे वाहनों के नंबर भेजे गए थे। मैसेज के आधार पर ईडी की टीम ने फील्ड में जाकर भी अवैध बालू कारोबार का सत्यापन किया। इस दौरान कई बालू लदे वाहनों के ड्राइवरों से भी पूछताछ की गई, जिसमें बालू कारोबार का संचालन योगेंद्र साव के अधीन किए जाने की पुष्टि हुई।

ईडी ने शुक्रवार को योगेंद्र साव के करीबी मनोज दांगी व पंचम कुमार के ठिकानों पर भी छापेमारी की थी। ईडी को जानकारी मिली है कि मनोज व पंचम को ही आगे रख योगेंद्र साव बालू का कारोबार करते हैं। मनोज व पंचम ने भी शुरुआती बयान में योगेंद्र साव के लिए काम करने की बात एजेंसी के समक्ष कबूली है।

निवेश की भी पड़ताल
ईडी ने योगेंद्र साव व उनके परिवारिक सदस्यों के खिलाफ साल 2023 में ही मनी लाउंड्रिंग का मामला दर्ज किया था। मार्च 2024 में ईडी ने पहली बार साव परिवार व उनके करीबियों के साथ-साथ सरकारी पदाधिकारियों के ठिकानों पर दबिश दी थी। तब साव परिवार द्वारा अवैध तरीके से बालू कारोबार से अर्जित राशि से जमीन में निवेश की जानकारी मिली थी। ईडी अब साव परिवार के सभी सदस्यों के निवेश के पहलुओं पर भी जांच कर रही है। साव परिवार के नाम पर निबंधित कंपनियों, शेल कंपनियों में निवेश के पहलू पर जांच की जा रही है। वहीं, साव परिवार के सीए बादल गोयल के यहां से मिले दस्तावेज के आधार पर भी आगे की पड़ताल की जा रही है।

मोबाइल डाटा से जानकारी जुटाएगी ईडी
ईडी ने योगेंद्र साव समेत सारे संदिग्धों के मोबाइल जब्त किए हैं। ईडी अधिकारियों के मुताबिक, सभी संदिग्धों को बारी-बारी से समन कर ईडी कार्यालय बुलाया जाएगा। इसके बाद उनके डाटा को उनकी मौजूदगी में ही रिट्रिव कराया जाएगा। साथ ही सारे मोबाइल डाटा की क्लोनिंग भी की जाएगी। ईडी के अधिकारियों के मुताबिक, डाटा रिकवर होने के बाद इस संबंध में नए खुलासे हो सकते हैं।

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