
लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने कहा कि उत्तर प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था (Education system in Uttar Pradesh) पहले से कहीं अधिक मजबूत और आधुनिक हुई है (Has become Stronger and more Modern than ever before) । विधानसभा में विपक्ष के 29,000 स्कूल बंद करने के आरोप को सिरे से खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि स्कूल बंद नहीं हो रहे, बल्कि उन्हें बेहतर सुविधाओं के साथ इंटीग्रेटेड कैंपस में बदला जा रहा है।
सीएम योगी ने स्पष्ट किया कि ये ऐसे स्कूल हैं, जिनमें 50 से कम छात्र हैं और जो 1 किलोमीटर के दायरे में स्थित हैं। इनका पेयरिंग बड़े और सुसज्जित कैंपस से किया जा रहा है, ताकि छात्र-शिक्षक अनुपात 22:1 रखा जा सके और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हो। उन्होंने बताया कि 2017 से पहले प्रदेश के 1,56,000 बेसिक व संबद्ध विद्यालयों की स्थिति बेहद खराब थी। शिक्षक-छात्र अनुपात असंतुलित था, ढांचागत सुविधाओं का अभाव था और ड्रॉपआउट दर देश में सबसे अधिक थी। जुलाई 2017 में शुरू हुए ‘स्कूल चलो अभियान’ और ‘ऑपरेशन कायाकल्प’ के तहत हर विधायक, प्रशासनिक अधिकारी, ग्रामवासी और पूर्व छात्र को स्कूल गोद लेने का आह्वान किया गया। इसके नतीजे में आज स्कूलों में फर्श, अलग शौचालय, पेयजल, बिजली, सोलर पैनल, डिजिटल लाइब्रेरी, स्मार्ट क्लास, खेल मैदान और बैठने की बेहतर सुविधाएं हैं। बच्चों को दो यूनिफॉर्म, बैग, किताबें, जूते-मोजे मुफ्त मिल रहे हैं।
सीएम योगी ने घोषणा की कि जो विद्यालय बचेंगे वहां पर 3-6 वर्ष के बच्चों के लिए बालवाटिका और प्री-प्राइमरी कक्षाएं शुरू की जाएंगी, जिनमें एलकेजी, यूकेजी और नर्सरी की पढ़ाई होगी। इसके साथ ही यहां पर ‘सीएम पोषण मिशन’ के लिए 100 करोड़ रुपए का विशेष पैकेज स्वीकृत किया गया है, ताकि कुपोषण और एनीमिया से पीड़ित बच्चों को विशेष आहार दिया जा सके। 2017 के बाद से ड्रॉपआउट दर में भारी कमी आई है और 40 लाख अतिरिक्त बच्चे स्कूल से जुड़े हैं। ‘प्रोजेक्ट अलंकार’ के तहत 75 साल पुराने इंटर कॉलेजों का नवीनीकरण, नई प्रयोगशालाएं, स्मार्ट क्लास और पेयजल व्यवस्था की जा रही है। प्रदेश के 150 सरकारी आईटीआई में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स और स्पेस टेक्नोलॉजी के कोर्स जोड़े गए हैं। अब तक 71 नए सरकारी कॉलेज और कई विश्वविद्यालय स्थापित किए जा चुके हैं। डिजिटल शिक्षा के तहत 50 लाख युवाओं को टैबलेट और स्मार्टफोन दिए गए हैं।
रोजगार के विषय में मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 से पहले भर्तियों में अनियमितता और पक्षपात था। अब तक 8.5 लाख युवाओं की भर्ती की गई है, जिनमें 1.75 लाख महिलाएं हैं। महिला श्रमबल भागीदारी 13.5% से बढ़कर 35% हो गई है, जबकि बेरोजगारी दर 19% से घटकर 3% रह गई है। महिला श्रमबल की भागीदारी 13.5% से बढ़कर 35% हो गई है। बेरोजगारी दर 19% से घटकर 3% रह गई है। ‘सीएम युवा’ के तहत पहले प्रशिक्षण और स्क्रीनिंग की व्यवस्था की गई। परिणामस्वरूप, आज उत्तर प्रदेश में 1 करोड़ 65 लाख से अधिक युवाओं को सभी सेक्टरों में काम करने का अवसर प्राप्त हुआ है। प्रदेश में आज 7,200 स्टार्टअप और 50 इनक्यूबेटर सक्रिय रूप से कार्य कर रहे हैं।
सीएम ने बताया कि हाल ही में हमने 62,200 पुलिसकर्मियों की भर्ती की है, जिनमें हर जनपद और हर विधानसभा क्षेत्र से युवा शामिल हैं। पुलिस प्रशिक्षण क्षमता को 3,000 से बढ़ाकर 60,000 तक पहुंचाया गया है। पहले पुलिस का ढांचा जर्जर बैरकों पर आधारित था, लेकिन आज किसी भी शहर में जो हाई-राइज बिल्डिंग होगी, वह यूपी पुलिस की आवासीय सुविधा होगी, जहां पुलिस जवानों के भवन होंगे। वर्तमान में प्रदेश के सामने सबसे चुनौतीपूर्ण क्षेत्र साइबर क्राइम है। पहले साइबर क्राइम का केवल एक थाना गौतम बुद्ध नगर में था, दूसरा थाना लखनऊ में खुला। आज सभी 75 जनपदों में एक-एक साइबर थाना सक्रिय हो चुका है। अब एक साइबर मुख्यालय बनाने की कार्रवाई प्रदेश के अंदर चल रही है, ताकि साइबर अपराध को रोकने में सरकार प्रभावी ढंग से काम कर सके। इसके अलावा, प्रदेश के सभी थानों में एक-एक साइबर हेल्प डेस्क की स्थापना भी सरकार कर चुकी है।
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