
पटना: बिहार (Bihar) विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) 2025 से पहले जन सुराज पार्टी (Jan Suraj Party) के संस्थापक प्रशांत किशोर (Prashant Kishore) ने अपने आत्मविश्वास भरे बयान से राजनीतिक हलचल बढ़ा दी है. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी या तो 10 से कम सीटें जीतेगी या 150 से ज़्यादा, यानी नतीजा या तो बेहद सीमित होगा या ऐतिहासिक.
प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार की जनता पिछले कई दशकों से निराश है. राज्य के लोगों को अब एक सशक्त विकल्प की तलाश है. पीके के मुताबिक, लोग जन सुराज को विकल्प के रूप में देख तो रहे हैं, लेकिन वोट देते समय उन्हें विश्वास की छलांग लगानी होगी. अगर जनता ने भरोसा दिखाया तो परिणाम चौंकाने वाले होंगे. किशोर ने माना कि यह चुनाव उनके आंदोलन के लिए जनता के विश्वास की असली परीक्षा होगी.
जब प्रशांत किशोर से पूछा गया कि वह खुद चुनाव मैदान में क्यों नहीं उतरे तो प्रशांत किशोर ने साफ कहा कि उन्होंने कभी चुनाव लड़ने की घोषणा नहीं की. उन्होंने कहा, ‘मैंने कहा था अगर मैं चुनाव लड़ूंगा तो करगहर से लड़ूंगा, लेकिन पार्टी की जीत या हार मेरे चुनाव पर निर्भर नहीं है. मैं कोई एक्स-फैक्टर नहीं हूं, असली ताकत जनता है. उन्होंने यह भी कहा कि जन सुराज पार्टी की सफलता किसी व्यक्ति विशेष की वजह से नहीं, बल्कि लोगों के समर्थन से तय होगी.
प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार की राजनीति अब तक दो ध्रुवों महागठबंधन और एनडीए के बीच सीमित रही है, लेकिन जनता अब बदलाव चाहती है. उनके अनुसार लगभग एक-तिहाई मतदाता ऐसे हैं जो न तो महागठबंधन को चाहते हैं और न ही एनडीए को. यही मतदाता आने वाले समय में जन सुराज को मजबूत बना सकते हैं. उन्होंने दावा किया कि जन सुराज पार्टी 160 से अधिक सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला देने की स्थिति में है और यह चुनाव राज्य की राजनीति की दिशा बदल सकता है.
प्रशांत किशोर ने कहा कि जन सुराज सिर्फ एक पार्टी नहीं, बल्कि बिहार के पुनर्निर्माण की सामाजिक मुहिम है. उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य सत्ता हासिल करना नहीं, बल्कि शासन की संस्कृति में सुधार लाना है, जहां शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और पारदर्शिता को प्राथमिकता दी जाए. उन्होंने याद दिलाया कि पिछले दो वर्षों में उन्होंने जन सुराज पदयात्रा के माध्यम से राज्य के लगभग हर जिले का दौरा किया है और जनता की समस्याओं को नजदीक से समझा है.
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