
नई दिल्ली । दिल्ली में मतदाता सूची (Voter List) से नाम हटवाने या घुसपैठियों को मतदाता बनाने को लेकर राजनीतिक दलों (Political parties) की शिकायत पर चुनाव आयोग (Election Commission) ने संज्ञान लिया है। दिल्ली मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने फैसला किया है कि जिस जगह से बहुतायत संख्या में मतदाताओं के नाम सूची से हटवाने के लिए आवेदन किए गए हैं, वहां चुनाव अधिकारी मौके पर जाकर खुद जांच करेंगे। दिल्ली में 24 दिसंबर तक आवेदनों का निपटारा करने का लक्ष्य रखा गया है।
चुनाव आयोग ने राजनीतिक दल आम आदमी पार्टी (आप) और भाजपा की शिकायतों पर कहा है कि मतदाता सूची समरी रिवीजन की प्रक्रिया में पारदर्शिता लाई जाए। राजनीतिक दलों ने जिन विषयों पर चिंता जताई है उस पर ठीक से काम किया जाए।
चुनाव अधिकारी ने कहा कि मौके पर जाकर जांच करेंगे। ऐसा पोलिंग स्टेशन जहां पर मौजूद कुल मतदाताओं की संख्या के दो फीसदी से ज्यादा लोगों के नाम हटवाने के लिए आवेदन किया गया है तो वहां चुनाव अधिकारी खुद जाएंगे। जैसे अगर किसी पोलिंग स्टेशन पर एक हजार मतदाता हैं। उस पोलिंग स्टेशन पर एक साथ दो फीसदी यानि 20 या उससे अधिक मतदाता के नाम हटवाने के आवेदन आते हैं तो वहां चुनाव अधिकारी जाएंगे। इसी तरह अगर मतदाता सूची में पांच से अधिक लोगों के नाम हटवाने या जोड़ने में सिर्फ एक ही व्यक्ति आपत्ति जता रहा है, तो वहां भी चुनाव अधिकारी मौके पर जाएंगे।
दिल्ली मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के मुताबिक, दिल्ली में 29 अक्टूबर को समरी रिवीजन का काम चला था। उस समय ड्राफ्ट मतदाता सूची में 1.53 करोड़ से अधिक मतदाता हैं। इसके बाद 28 नवंबर तक मतदाताओं के नाम जुड़वाने, हटवाने, पता बदलने या उसे अपडेट कराने का मौका दिया गया था। आंकड़ों की मानें तो चुनाव आयोग को इस दौरान कुल 2.67 लाख से अधिक आवेदन मिले हैं, जिसमें नाम हटवाने और जोड़ने के दोनों तरह के आवेदन शामिल हैं। आवेदनों के निपटारे का काम चल रहा है, जिसे 24 दिसंबर तक पूरा किया जाएगा। 5 जनवरी 2025 तक अंतिम मतदाता सूची जारी की जाएगी।
राजनीतिक दलों ने चुनाव आयोग से की थी शिकायत
आम आदमी पार्टी और भाजपा ने दिल्ली विधानसभा चुनाव की सुगबुगाहट शुरू होते ही एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने शुरू कर दिए। इसी कड़ी में भाजपा ने चुनाव आयोग से शिकायत की थी कि बांग्लादेशी घुसपैठियों का नाम मतदाता सूची में दर्ज किया गया है। इसके तहत भाजपा नेताओं ने दावा किया कि वे मौके पर जाकर लागों से मिले और कई नाम मतदाता सूची में मिले हैं जो वहां नहीं रहते हैं। ऐसे में इनके नाम यहां से हटाए जाएं। दलों की शिकायत के बाद चुनाव आयोग ने मौका पर जाने के निर्देश दिए।
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