
पटना। ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुसलमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने आरोप (Alleged) लगाया है कि चुनाव आयोग (Election Commission) बिहार (Bihar) में विधानसभा चुनाव से पहले चुपचाप नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (National Register of Citizens) को लागू कर रहा है। ओवैसी ने चेतावनी दी कि चुनाव आयोग के इस कदम से कई भारतीय नागरिकों (Indian Citizens) को उनके वोट (Vote) देने के अधिकार से रोका जा सकता है। इससे जनता का चुनाव आयोग में विश्वास भी कम होगा।
एआईएमआईएम प्रमुख ने सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में लिखा कि अब हर नागरिक को मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने के लिए दस्तावेजों के जरिए साबित करना होगा कि वह कब और कहां पैदा हुआ और साथ ही ये भी बताना होगा कि उनके माता-पिता कब और कहां पैदा हुए। ओवैसी ने लिखा कि ‘अनुमान के अनुसार, केवल तीन चौथाई जन्म ही पंजीकृत होते हैं, ज्यादातर सरकारी कागजों में भारी गलतियां होती हैं। बाढ़ प्रभावित सीमांचल क्षेत्र के लोग सबसे गरीब हैं और वे मुश्किल से दिन में दो बार का खाना खा पाते हैं। ऐसे में उनसे ये उम्मीद रखना कि उनके पास अपने माता-पिता के दस्तावेज होंगे, यह एक क्रूर मजाक ही है।’
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